पाकिस्तान में हिंदुओं का जबरन धर्मांतरण और गुरुद्वारों की जर्जर हालत चिंता का विषय : प्रो. सरचंद सिंह
अमृतसर। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के सलाहकार एवं भाजपा कार्यकारिणी सदस्य प्रो. सरचंद सिंह ख्याला ने पाकिस्तान में हिंदुओं के जबरन धर्मांतरण और सिख धर्मस्थलों की जर्जर स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में सामाजिक, धार्मिक और समग्र राजनीतिक व्यवस्था दमनकारी हो गई है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पाक के हिंदुओं और सिखों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की अपील की है।
प्रो सरचंद सिंह ने कहा कि पाकिस्तान के सिंध प्रांत में सरकारी संरक्षण प्राप्त चरमपंथियों द्वारा हिंदुओं का धर्मांतरण थमने का नाम नहीं ले रहा है. अगर यह सिलसिला इसी तरह चलता रहा तो एक दिन पाकिस्तान से हिंदू और सिखो का वजूद खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अब सिंध के जिला बादीन की तहसील सजवल के पास गोसे आजम दरबार के मुखिया हाफिज गुलाम मुहम्मद सुह महमूद उर्फ बाबा कादरी ने गांव के 250 हिंदुओं को इस्लाम कबूल कराया है. जिसमें नाबालिग बच्चे भी शामिल हैं।
बाबा कादरी ने अब तक 10 हजार से ज्यादा हिंदुओं का धर्म परिवर्तन कराने का दावा किया है। इसी तरह पिछले सप्ताह उमरकोट की समरो तहसील की समरो शरीफ दरगाह में गुलजार-ए-खलील सूफी पीर जन आगा जन सरहंदी द्वारा इलाके के 162 हिंदुओं का धर्मांतरण कराया गया. कुछ दिन पहले सिंध के जिला मीरपुर खास की तहसील नौकोट की बैतूल इमान न्यू मुस्लिम कॉलोनी में पाकिस्तान के धार्मिक मामलों के मंत्री तल्हा महमूद के बेटे शमरोज़ खान की मौजूदगी में करीब 50 हिंदुओं को इस्लाम कबूल कराया गया था।
उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान में हिंदू, सिख और अन्य अल्पसंख्यक धर्मों के लोगों को नफरत के लिए निशाना बनाया जा रहा है। कुछ दिनों पहले सिंध राज्य में पोस्टर लगाकर हिंदुओं को एक महीने के भीतर अपना धर्म छोड़ने या पाकिस्तान छोड़ने के लिए कहा गया था। जिससे हिन्दुओं को भय के वातावरण में रहना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में हिंदुओं और सिखों के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं और हिंदू लड़कियों के जबरन धर्म परिवर्तन में तेजी आई है।
यहां तक कि सरकारी मशीनरी भी मानती है कि इस्लाम में धर्मांतरण पाप नहीं बल्कि पुण्य का कार्य है। प्रो सरचंद सिंह ने कहा कि पाकिस्तान में गैर इस्लामिक धार्मिक स्थलों की भी हालत खराब हो रही है. कई ऐतिहासिक मंदिरों और धार्मिक स्थलों की हालत इतनी जर्जर हो चुकी है कि उनका अस्तित्व ही खत्म होता नजर आ रहा है। कई प्राचीन मंदिरों और धार्मिक स्थलों को मुसलमानों ने अपने कब्जे में ले लिया है।
उन्होंने कहा कि गुरुद्वारा रोरी साहिब के बाद लाहौर नज़दीक भारत सीमा से 5-6 किलोमीटर दूर माणक गांव में स्थित पवित्र गुरुद्वारा बाबा माणक सिंह की दुर्दशा की तस्वीरें और वीडियो सामने आने से सिखों का दिल दहल उठा है. उन्होंने कहा कि तीन मंजिला भव्य गुरुद्वारा साहिब खंडहर में तब्दील हो गया है। मुसलमानों ने इसकी जमीन पर कब्जा ही नहीं किया है बल्कि गुरुद्वारा साहिब की रिपेयरिंग का भी विरोध करते रहे हैं।