सरकार को दी थी शिकायत, वकीलों के कामकाज से खुश नहीं थे पूर्व एजी अनमोल रत्न
सीनियर वकील अनमोल रत्न सिद्धू ने पंजाब के एडवोकेट जनरल के पद से इस्तीफा देते हुए भले ही निजी कारणों का हवाला दिया था, लेकिन अब यह बात सामने आ रही है कि अनमोल रत्न सरकार के समक्ष विभागीय खामियां उजागर करते रहे थे।
पंजाब के एडवोकेट जनरल के पद से इस्तीफा देने से पहले सीनियर वकील अनमोल रत्न सिद्धू ने पंजाब के सरकारी विभागों में तैनात वकीलों के काम करने के ढंग पर सवाल उठाए थे और वह अफसरों, वकीलों के कामकाज से खुश नहीं थे। उन्होंने सूबे के स्थानीय निकाय विभाग से जुड़े मामलों में मजबूत पैरवी नहीं किए जाने और संबंधित विभाग के अधिकारियों की ओर से मामलों के प्रति लापरवाही बरतने की शिकायत राज्य सरकार को दी थी। उनकी नाराजगी का कारण माना जा रहा है कि सरकार के खिलाफ चल रहे मामलों में ढंग से पैरवी नहीं हो रही थी। साथ ही उन्होंने विभागीय अफसरों पर लापरवाही बरतने के आरोप लगाए थे।
यह खुलासा एडवोकेट अनमोल रत्न सिद्धू की ओर से सरकार को लिखे पत्र पर स्थानीय निकाय विभाग के उठाए गए कदमों से हुआ है। विभाग के निदेशक पुनीत गोयल ने राज्य के सभी कमिश्नरों, एडिशनल डिप्टी कमिश्नरों (शहरी विकास), नगर निगमों, नगर काउंसिलों, नगर सुधार ट्रस्टों और नगर पंचायतों के सभी कार्यकारी अधिकारियों को लिखे पत्र में अनमोल रत्न सिद्धू द्वारा भेजे पत्र का हवाला देते हुए सभी अफसरों को चेताया है कि लापरवाही बरतने वाले संबंधित अधिकारियों और वकीलों को विभागीय कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
केसों की सही पैरवी भी नहीं हो रही
पत्र में उन्होंने लिखा है कि एडवोकेट जनरल अनमोल रत्न के कार्यालय की ओर से सरकार के ध्यान में यह बात लाई गई है कि पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में जस्टिस लीजा गिल की अदालत में इस विभाग के विभिन्न शहरी स्थानक संस्थाओं के जारी केसों की सही ढंग से पैरवी नहीं की जा रही और उनके वकील केसों की सुनवाई के दौरान अदालत में हाजिर नहीं हो रहे। इसे ध्यान में रखते हुए सभी शहरी संस्थाओं की तरफ से कोर्ट केसों की सुनवाई वाले दिन अदालत में किसी जिम्मेदार अधिकारी या कर्मचारी और इन केसों की पैरवी कर रहे वकीलों का हाजिर होना यकीनी बनाया जाए। इसके अलावा नोटिस की पहली तारीख से पहले ही मामलों में जवाब दायर किए जाएं और अगली सुनवाई की तिथि न मांगी जाए। विभाग के निदेशक ने अधिकारियों को चेतावनी दी है कि ऐसा न करने की सूरत में जिम्मेदार अधिकारी, कर्मचारी, संबंधित वकील के खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
खामियां उजागर करते रहे अनमोल रत्न
सीनियर वकील अनमोल रत्न सिद्धू ने पंजाब के एडवोकेट जनरल के पद से इस्तीफा देते हुए भले ही निजी कारणों का हवाला दिया था, लेकिन अब यह बात सामने आ रही है कि अनमोल रत्न सरकार के समक्ष विभागीय खामियां उजागर करते रहे थे। उन्होंने ऐसे सरकारी विभाग जिनके खिलाफ अदालतों में केस लंबित हैं, के अधिकारियों के रवैये के अलावा विभागों के वकीलों के ढुलमुल रवैये को भी उजागर किया। हालांकि सरकार के कामकाज में उनके दखल की कोई बात सामने नहीं आई, लेकिन माना जा रहा है कि वह अपने कार्यालय के केसों की पैरवी में सरकार से सहयोग न मिलने पर खुश नहीं थे।