शामलात की जमीनों के मालिकाना हक को लेकर पंजाब सरकार का बड़ा फैसला

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Update: 2022-10-29 17:35 GMT
चंडीगढ़। भगवंत मान सरकार ने शामलात की जमीन का मालिकाना हक गांव पंचायतों के नाम करने का एक बार फिर बड़ा फैसला लिया है। इन शामलात जमीनों के मालिक पिछले समय से लोग थे। पंजाब सरकार के इस फैसले से वे हजारों लोग प्रभावित होंगे जो शामलात की जमीन पर कब्जा कर रहे थे। इन आदेशों से चंडीगढ़ के आसपास के रसूखदार लोगों से जमीन के मालिकाना अधिकार छिन जाएंगे। बड़ी संख्या में फार्म हाउस और वी.आई. पीज की कोठियों के मालिकाना पर संकट आ सकता है।
राजस्व एवं पुनर्वास विभाग की ओर से डिप्टी कमिश्नरों को जारी पत्र में शामलात व जुमला मुश्तरका मालिकाना जमीनों को इंतकाल फौरी गांव पंचायतों के नाम करने के स्पष्ट आदेश दिए गए हैं, जिन्होंने अवैध रूप से शामलात जमीनों को शेयरधारकों के बीच बांटकर उन्हें मालकी का अधिकार दिया है। पत्र में कहा गया है कि इन जमीनों के मालिकाना हक को चकबंदी विभाग ने षडयंत्र तरीके से इन जमीनों की मालकी बदल दी और अब इन जमीनों के मालिक प्राइवेट लोग बन चुके हैं।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट द्वारा इसी साल 7 अप्रैल को 'हरियाणा सरकार बनाम जय सिंह आदि' मामले में सुनाए गए फैसले के साथ शामलात जमीनों की मालकी को लेकर गांव पंचायतों को बड़ा झटका लगा है। वित्त कमिश्नर (राजस्व) द्वारा जारी पत्र में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के संदर्भ में कहा गया है कि शामलात भूमि और जुमला संयुक्त मालिक भूमि की कभी बांटा नहीं किया जा सकता है और न ही इस भूमि को हिस्सेदार के नाम पर तबदील किया जा सकता है। पंजाब सरकार ने भी इंतकाल गांव पंचायत के नाम करने के बाद जमीनों पर कब्जा करने की बात कही है। आदेश यह भी है कि जिन जमीनों का मामले कलेक्टर या अदालतों के पास चल रहे हैं उनमें से सुप्रीम कोर्ट के फैसले के संदर्भ में हलफनामा देकर खत्म करवाए जाएं।
जिन शामलात जमीनों पर 26 जनवरी 1950 से पहले के लोग लगातार काबिज हैं उनके बारे लोग अपना दावा कलेक्टर की अदालत में कर सकते हैं। पत्र के अनुसार जिन गांवों की शामलात भूमि एवं जुमला मुश्तरका मालकान भूमि सीमा में वृद्धि के बाद अब नगर परिषदों की सीमा में आ गई है, उनका स्वामित्व पहले गांव पंचायतों के नाम पर होगा और फिर संबंधित नगरपालिका परिषद के नाम पर चढ़ेगी। राजस्व अधिकारियों को इस संबंधी प्रगति रिपोर्ट भेजने को कहा गया है।
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