मुंबई। उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के नेतृत्व वाली शिवसेना (Shiv Sena) और प्रकाश आंबेडकर (Prakash Ambedkar) की वंचित बहुजन आघाड़ी के बीच युति होने की घोषणा के 24 घंटे के भीतर बालासाहेबांची शिवसेना और प्रो. जोगेंद्र कवाडे की पीपल्स रिपब्लिकन पार्टी (पीआरपी) के बीच गठबंधन की घोषणा की गई। एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में इस गठबंधन की घोषणा बालासाहेबांची शिवसेना के प्रमुख और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और पीआपी प्रमुख प्रो. जोगेंद्र कवाडे ने की। ऐसे में आगामी चुनाव शिंदे गुट के भगवा झंडे को नीले झंडे का साथ मिलेगा। मुख्यमंत्री शिंदे ने प्रो. जोगेंद्र कवाडे की तारीफ करते हुए कहा कि वे संघर्ष से उभरे नेता हैं। उन्होंने जेल की सजा काटी, लाठी-डंडे खााए। हम भी संघर्ष से यहां तक पहुंचे। कवाडे दीन-दलितों, पीड़ितों को न्याय देने का काम करते हैं। प्रो कवाडे एक शिक्षित और अध्ययनशील नेता हैं। उन्होंने आंदोलन चलाकर आम लोगों की समस्याओं के साथ न्याय देने की कोशिश की। एक समय ऐसा भी था, जब बीस जिलों में उनके बोलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इससे पता चलता है कि वे कितने आक्रामक नेता हैं। कवाड़े ने गरीब, शोषित, दलित समाज को न्याय दिलाने के लिए आंदोलन किया। पुलिस की लाठियां खाईं। वे तिहाड़ जेल में भी थे। कावड़े का तारीफ करते हुए शिंदे ने कहा कि अब उनका लॉग मार्च सही जगह आ गया है। बालासाहेबांची शिवसेना और पीआरपी की युति पर कवाडे ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने एक साहसिक निर्णय लिया है। यह गतिमान सरकार है। मैं राज्यभर में घूमता है और जनता की भी यही भावना है। महाराष्ट्र को विकास की ओर ले जाते हुए सरकार के माध्यम से बिना किसी भेदभाव के गरीबों के कल्याण के लिए कार्य किया जाएगा।
अजित पवार को माफी मांगनी चाहिए
इस बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि छत्रपति संभाजी महाराज धर्मवीर थे, यह उपाधि आपने या हमने नहीं दी है। पहले से उन्हें धर्मवीर बोला जाता है। ऐसे में अजित पवार का बयान निंदा जनक है। उन्हें अपने बयान पर माफी मांगनी चाहिए।
Source : Hamara Mahanagar
{जनता से रिश्ता इस खबर की पुष्टि नहीं करता है ये खबर जनसरोकार के माध्यम से मिली है और ये खबर सोशल मीडिया में वायरलहो रही थी जिसके चलते इस खबर को प्रकाशित की जा रही है। इस पर जनता से रिश्ता खबर की सच्चाई को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं करता है।}