POP मूर्तियां: दूकानदारों पर शिकंजा, बाजारों में NDS की दस्तक
दूकानदारों पर शिकंजा, बाजारों में NDS की दस्तक
नागपुर. कोरोना की त्रासदी के 2 वर्षों बाद पूरी तरह से मिली छूट के चलते भले ही हर्षोल्लास के साथ गणेशोत्सव मनाया जा रहा. वहीं दूसरी ओर दूकानदारों पर संकट के बादल छाए हुए हैं. हालांकि मनपा की ओर से पीओपी की मूर्तियों को लेकर कोई नीति उजागर नहीं की गई लेकिन पहले ही दिन से पीओपी की मूर्तियों के खिलाफ अभियान चलाते हुए दूकानदारों पर शिकंजा कसना शुरू हो गया है. इसका जीता जागता उदाहरण है कि बुधवार को सिटी के कमोबेश सभी बाजारों में एनडीएस के दस्ते ने दस्तक देकर कार्रवाई को अंजाम दिया. कार्रवाई के दौरान जहां कुल 326 दूकानों को खंगाला गया, वहीं पीओपी की 42 मूर्तियां जब्त की गईं.
दूकानदारों में रोष, ग्राहकी प्रभावित
प्रशासन की ओर से मिले आदेशों के अनुसार एनडीएस दस्ते के कर्मचारी भले ही जिम्मेदारियों का वहन कर रहे हो लेकिन मनपा की इस तरह की अचानक कार्रवाई से दूकानदारों में रोष है. दूकानदारों का मानना है कि गणेश मूर्तियों की दूकानें 2 दिन पहले से लग रही है लेकिन 2 दिनों तक मनपा का कोई भी कर्मचारी दूकान में जांच के लिए नहीं आया. यहां तक कि दूकानदारों के लिए किसी तरह के दिशानिर्देश जारी नहीं किए गए. जिस दिन गणेश मूर्तियों की स्थापना के लिए दूकानों में लोगों की भीड़ लगनी शुरू हुई, उसी समय एनडीएस के कर्मचारी भी आ धमके है. ऐसे में ग्राहकों को छोड़ उन पर ध्यान केंद्रित करना पड़ा है. गणेशोत्सव का पहला दिन ही ग्राहकी की दृष्टि से अधिक महत्वपूर्ण रहता है. गत 2 वर्षों में त्योहार ही नहीं होने से दूकानदारी चौपट हो गई, यहां तक कि कर्ज लेकर जीवनयापन करना पड़ा है. 2 वर्ष बाद मौका मिला है. वहां भी मनपा की कार्रवाई की त्रासदी है.
1.25 लाख रु. का जुर्माना वसूला
बुधवार को पहले ही दिन एनडीएस दस्ते ने सभी 10 जोन में कार्रवाई कर दूकानदारों से 1.25 लाख रु. का जुर्माना वसूल किया. कार्रवाई के दौरान दस्ते को दूकानदारों के रोष का सामना भी करना पड़ा है. कई दूकानदारों का मानना था कि दूकान में मिट्टी की मूर्तियां होने के बाद भी हर मूर्ति की जांच की गई. ग्राहकों को मूर्तियां दिखाई जाए या दस्ते को दिखाई जाए, इसी में समय बर्बाद होता रहा है. मनपा प्रशासन को हर मामले में स्पष्ट और कड़े निर्देश जारी करना चाहिए. लोगों के साथ ही दूकानदारों को भी जानकारी देनी चाहिए. वैसे तो गणेशोत्सव के लिए सभी तरह की छूट दिए जाने का डंका पीटा जा रहा है लेकिन पहले ही दिन कार्रवाई ने बेहाल कर दिया है.