विधायक संजय सिरसाठ के एक ट्वीट से मचा हड़कंप, उद्धव ठाकरे को बताया 'कुटुंब' प्रमुख
विधायक संजय सिरसाठ के एक ट्वीट से मचा हड़कंप
मुंबई: शिवसेना से बगावत करने वाले शिंदे गुट में सेंध लगने की खबर है। नई सरकार में मंत्री न बनाए जाने से नाराज शिंदे गुट के विधायक संजय सिरसाठ (MLA Sanjay Sirsath) के एक ट्वीट (Tweet) से हड़कंप मच गया है। उन्होंने अपने इस ट्वीट में उद्धव ठाकरे को कुटुंब प्रमुख बताते हुए उनके एक वीडियो को पोस्ट किया। इसके अलावा सिरसाठ ने अपनी डीपी में उद्धव ठाकरे के साथ एक फोटो भी शेयर की। इस ट्वीट को देखते हीं राजनीतिक हलकों में नई चर्चा शुरू हो गई।
दरअसल कैबिनेट विस्तार में मंत्री न बनाए सिरसाठ सख्त नाराज हैं। ऐसे में उन्होंने अपने इस ट्वीट से अपने बागी तेवर का परिचय दे दिया है। ऐसी रिपोर्ट है कि शिंदे-फडणवीस सरकार के कैबिनेट विस्तार में सिरसाठ का नाम भी मंत्रियों की लिस्ट में शामिल था। हालांकि अंतिम समय में सिरसाठ का नाम काट कर सीएम शिंदे के करीबी अब्दुल सत्तार को मंत्री की लिस्ट में शामिल कर लिया गया।
सिरसाठ कैबिनेट मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज
औरंगाबाद से तीन बार विधायक रह चुके सिरसाठ कैबिनेट मंत्री नहीं बनाए जाने से बेहद नाराज हैं। ऐसे में उन्होंने अपने ट्वीट से सीएम शिंदे की टेंशन बढ़ा दी है। साथ ही इस बात के भी संकेत दिए हैं कि अगर उनके साथ न्याय नहीं हुआ तो वे फिर से उद्धव गुट में शामिल होने के लिए पलटी मार सकते हैं।
विवाद बढ़ने पर किया ट्वीट डिलीट
जानकारों का कहना है कि संजय सिरसाठ ने एक प्लानिंग के तहत उद्धव के समर्थन में पहले ट्वीट किया। वहीं जब उनकी बात सीएम शिंदे तक पहुंच गई तो उन्होंने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया। सिरसाठ ने कहा कि उनके फोन में कुछ तकनीकी समस्या आ गई थी। इस वजह से यह ट्वीट पोस्ट हो गया। हालांकि उन्होंने कहा कि वे चाहते थे उद्धव ठाकरे पार्टी अध्यक्ष बने रहें और सत्ता किसी और को सौंप दें। सिरसाठ ने सफाई देते हुए कहा कि वे एकनाथ शिंदे के साथ हैं और उनके गुट में कोई विवाद नहीं है।
सीएम शिंदे के लिए खतरे की घंटी
शिंदे-फडणवीस सरकार में मंत्री न बनाए जाने से सिरसाठ के अलावा भरत गोगावले, प्रताप सरनाईक और प्रहार संगठन के बच्चू कडू भी नाराज हैं। ऐसे में कुछ नाराज विधायकों के उद्धव ठाकरे के साथ संपर्क में आने की खबर है। इसकी बानगी सिरसाठ के ट्वीट से मिल गई है। यह सीएम शिंदे के लिए खतरे की घंटी भी है।
मंत्री पद पर ठोका था दावा
सिरसाठ का कहना है कि उनके कई जूनियर विधायक को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है, जबकि वे तीन बार से विधायक हैं। ऐसे में उनका भी कैबिनेट मंत्री पर पहला हक बनता था। सिरसाठ वही विधायक हैं, जिन्होंने शिवसेना में बगावत को हवा देने के अलावा एकनाथ शिंदे के समर्थन में विधायकों को एकजुट करने में बड़ी भूमिका निभाई थी। हालांकि अब मंत्री न बनाए जाने से उनका शिंदे गुट से मोहभंग हो गया है।
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