युवक ने खुद को मरा हुआ साबित करने के लिए एक बेकसूर शख्स को मारकर उसके शव को जला दिया
भोपाल के खजूरी इलाके में गुरुवार को हुई B.Sc. स्टूडेंट की हत्या के आरोपी को पुलिस ने पकड़ लिया है। इस मामले में पुलिस ने ग्वालियर जेल से पैरोल पर बाहर आए एक अपराधी को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने खुद को मरा हुआ साबित करने के लिए झूठी साजिश रची और एक बेकसूर शख्स को मारकर उसके शव को जला दिया। वो चाहता था कि पुलिस उसे मरा हुआ समझ ले, इससे वो सजा से तो बच जाएगा और उसे उधारी भी नहीं चुकानी पड़ेगी।
पूछताछ में उसने बताया कि जेल में रहने के दौरान उसने एक कैदी के जरिए 5 लाख रुपए उधार लिए थे। इसके बाद से वह कैदी बाहर जाकर परिवार को परेशान करने लगा। इरादा उसे ही मारने का था, लेकिन कामयाब नहीं हो सका। ऐसे में खुद को मृत घोषित करने के लिए स्टूडेंट को मार डाला। आरोपी को 6 जुलाई को वापस जेल जाना था, लेकिन वह नहीं गया।
ड्यूटी पर नहीं गया, कमरे पर भी नहीं लौटा
मृतक की पहचान अमन दांगी (21) पिता लखन लाल दांगी निवासी सिराड़ी, थाना दोराहा (सीहोर) के रूप में हुई। वो MVM कॉलेज में B.Sc. सेकंड ईयर का स्टूडेंट था और भोपाल के फंदा इलाके की अमलताश कॉलोनी में किराए का कमरा लेकर रह रहा था। पढ़ाई के साथ ही वो साईं ट्रेवल्स में जॉब भी करता था। उसके चचेरे भाई भैयालाल ने बताया कि रविवार को वह भाई के पास रहने आया था। गुरुवार दोपहर अमन ड्यूटी पर नहीं गया। कमरे पर भी नहीं आया। ऐसे में उसे फोन लगाया, लेकिन रिसीव नहीं हुआ।
एक-महीने पहले ही जान-पहचान हुई थी
गुरुवार शाम साढ़े छह बजे पुलिस को सूचना मिली कि अमलताश कॉलोनी में रहने वाली अनिता अहिरवार के किराएदार के कमरे से जलने की बदबू आ रही है। जिसके बाद कमरे का ताला खुलवाया तो अंदर अधजला शव पड़ा मिला। शव की पहचान अमन दांगी के रूप में हुई। यह कमरा राघौगढ़ (गुना) निवासी रजत सैनी उर्फ सिद्धार्थ उर्फ माइकल का था। पुलिस ने रजत के बारे में पता किया तो वह नहीं मिला। संदेह होने पर टीमें गठित कीं। शुक्रवार को पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। उसने स्टूडेंट की हत्या की बात कबूल कर ली। एक महीने पहले ही उसकी जान-पहचान अमन से हुई थी।
हत्या के आरोपी को धोखाधड़ी में हुई है सजा
गिरफ्तारी के बाद आरोपी रजत ने बताया कि 2017 में कोर्ट ने उसे धोखाधड़ी के अपराध में 7 साल की सजा सुनाई थी। जेल में उसकी पहचान निरंजन मीणा से हुई। रजत को पैसे की जरूरत थी, इस बात को जब उसने निरंजन को बताया तो उसने जेल में ही रामनिवास मीणा से मिलवाया। रामनिवास ने रजत को 5 लाख रुपए उधार दिलवा दिए। रजत जब समय पर पैसे नहीं लौटा पाया तो परिवार को धमकियां मिलने लगीं। इसी बीच 23 मई को उसे पैरोल मिली। वह जेल से बाहर आया और भोपाल के फंदा इलाके में किराए से मकान लेकर रहने लगा। उसका प्लान निरंजन की हत्या कर उसे इसी किराए के कमरे में दफनाने का था, लेकिन मौका नहीं मिला।
पहला प्लान फेल, तो रची खुद की हत्या की झूठी साजिश
निरंजन की हत्या का प्लान फेल होने पर उसने खुद की हत्या की साजिश रची। इसके लिए वह भोपाल में उसे कमरा दिलाने वाले रवि मीणा को मारना चाहता था, लेकिन इसमें भी कामयाब नहीं हुआ। गुरुवार को उसकी जगह दूसरा दोस्त अमन मिल गया। इसके बाद उसने कमरे पर बुलाकर अमन की हत्या कर दी और पेट्रोल से शव को जला दिया। अमन की हत्या के पीछे उसका मकसद यह था कि पुलिस उसे मरा समझ लेगी और उसे मीणा को 5 लाख रुपए भी नहीं लौटाने पड़ेंगे और वो जेल की बाकी सजा से भी बच जाएगा।