‘अनापत्ति के फेर में हम नहीं रोकेंगे रजिस्ट्रियां’, वरिष्ठ पंजीयक ने सहकारिता विभाग को लिखा पत्र
मध्यप्रदेश | एनओसी के नाम पर सहकारिता विभाग में खेल चल रहा था, जिस पर अब वरिष्ठ पंजीयक ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया. पत्र लिखकर बता दिया कि हम कोई भी रजिस्ट्री नहीं रोक सकते हैं. एनओसी के आधार पर रजिस्ट्री की जाए, ऐसा भी कोई प्रावधान नहीं है. किसी संस्था में ज्यादा दिक्कत है तो वरिष्ठ पंजीयक को अवगत कराएं ताकि नियमों के अनुसार उचित निर्देश जारी हो सके.
सहकारिता विभाग ने कई गृह निर्माण संस्थाओं में खरीद-फरोख्त पर एनओसी का बंधन लगा रखा है. उसके नाम पर विभाग में बड़ा खेल चल रहा था. इसका खुलासा पिछले दिनों हुआ, जब लोकायुक्त पुलिस ने सहकारिता के निरीक्षक प्रवीण जैन को 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा. तीन साल में चार निरीक्षक एनओसी देने के एवज में रिश्वत लेते पकड़े गए हैं. इस कांड के बाद में रजिस्ट्रार कार्यालय भी हरकत में आ गया. जानकारी निकाली गई तो डेढ़ दर्जन से अधिक कॉलोनियों में सहकारिता विभाग के निरीक्षकों ने प्रशासक होने के आधार पर एनओसी का अड़ंगा लगा रखा है.
जांच के बाद में वरिष्ठ पंजीयक दीपक कुमार शर्मा ने सहकारिता विभाग के उपायुक्त को पत्र लिख दिया है. इसमें कहा, गृह निर्माण संस्था की परिसंपत्तियों के विक्रय व रिसेल के संबंध में वैधानिक स्थिति स्पष्ट की जाए. अचल संपत्तियों के दस्तावेजों के पंजीयन के संबंध में उप पंजीयकों के कर्तव्य और प्रक्रिया निर्धारित है. दस्तावेज पेश करने पर उसका पंजीयन अनिवार्य है. उसमें एनओसी लेने का कोई प्रावधान नहीं है. कुछ संपत्तियों में प्रशासक, अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों द्वारा उप पंजीयक को एनओसी के लिए पत्र लिखे गए हैं, जो नियमों के विपरित हैं. आप अधिनस्थों को निर्देश जारी करें कि कोई अड़चन व अनियमितता है तो आपके माध्यम से वरिष्ठ पंजीयक को बताया जाए