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देवास। श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर तुकोगंज रोड पर चातुर्मास के लिए विराजित साध्वीजी राजरत्ना श्रीजी आदि ठाणा 14 के सान्निध्य में रविवार को स्नात्र महोत्सव का आयोजन किया गया। इस अवसर पर आदेश्वर मंदिर में विराजमान साध्वीजी अमिपूर्णाश्रीजी एवं अमिदर्शाश्रीजी अपने संपूर्ण साध्वी मंडल के साथ विशेष रूप से उपस्थित थीं। स्नात्र महोत्सव के द्वारा विशिष्ट रूप से पार्श्वनाथ प्रभु का जन्म कल्याणक मनाया गया।
इसके अंतर्गत भगवान के माता-पिता बनने का सौभाग्य विशाल जैन एवं तृप्ती जैन ने प्राप्त किया। प्रियंवदा दासी का किरदार ऐशना जैन ने निभाया। चंदना बालिका मंडल द्वारा दिग्कुमरी नृत्य, 14 स्वप्न नृत्य एवं प्रियंवदा दासी की नृत्य के साथ ही गीत के साथ बधाई प्रस्तुति की। प्रस्तुति ने सभी भक्तों का मनमोह लिया। मंदिर को कलात्मक रूप से सजाया गया। जिस पर झूमते-नाचते हुए प्रभु के स्वजन का आगमन हुआ। जैसे ही प्रभु के जन्म की घोषणा हुई। उपस्थित विशाल जनसमुदाय ने प्रभु के जयकार का दिव्य शंखनाद करते हुए जमकर नृत्य किया। प्रभु भक्ति के गीतों की प्रस्तुति भारत प्रसिद्ध संगीतकार मेहुल भाई रूपड़ा जालना (महाराष्ट्र) ने दी। संपूर्ण कार्यक्रम का लाभ मांगीलाल छगनीराम जैन मैनाश्री परिवार ने प्राप्त किया।
प्रवक्ता विजय जैन ने बताया कि अनुष्ठान सुबह 9 बजे से प्रारंभ होकर दोपहर 2 बजे तक चला। इसके बाद स्वामी वात्सल्य का आयोजन हुआ। स्नात्र महोत्सव का महत्व बताते हुए महत्वपूर्ण श्लोकों का उच्चारण साध्वीजी ने किया। साध्वीजी रिद्धिनिधि ने इस दौरान कहा कि प्रभु का जन्म तो प्रत्येक जीव, यहां तक नरक के जीवों को भी आनंदित बना देता है। प्रभु का जन्म उत्सव मनाने के लिए तो स्वर्ग लोक से स्वयं इंद्र महाराजा अपने पूरे परिवार के साथ धरती पर उतरते हैं। हमने मंदिर में प्रभु का जन्म तो मनाया, लेकिन हमारे मन मंदिर में भी प्रभु का जन्म हो जाए तो हमारा प्रभु प्रदत्त यह जीवन सफल हो सकता है। कार्यक्रम में विलास चौधरी, अशोक जैन, शैलेंद्र चौधरी, दीपक जैन, अतुल जैन, राकेश तरवेचा, गौरव जैन भोमियाजी, अजय मूणत, मुकेश चौधरी,भरत चौधरी, संजय तरवेचा, धमेंद्र संघवी, मनीष जैन, अरविंद जैन, जयमीत जैन आदि ने सहयोग प्रदान किया।