फाइव स्टार होटल की बजाए अब गांव में समय बिताना पसंद करते हैं पर्यटकः प्रमुख सचिव शुक्ला
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भोपाल। पर्यटन और संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव एवं टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि पर्यटन का स्वरूप बदल रहा है। पर्यटक अब किसी फाइव स्टार होटल या रिजोर्ट में रुकना पसंद नहीं करते। वे ग्रामीण जीवन देखना चाहते हैं। पर्यटक भ्रमण के दौरान ग्रामीणों का रहन-सहन और खान-पान अपनाना चाहते हैं। नए-नए अनुभवों की तलाश में रहते है। गाँव के साधारण लेकिन स्वच्छ और स्थानीय संसाधनों से बने आवासों में रहना पसंद करते हैं। इसलिए ग्रामीण पर्यटन को लेकर हमारे क्षेत्र में काफी संभावना है। यह न सिर्फ स्थानीय रोजागर के अवसर सृजित करता है बल्कि प्राकृतिक परिवेश के बीच समय गुजारने का अवसर भी देता है।
प्रमुख सचिव शुक्ला गुरुवार को टूरिज्म बोर्ड रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म मिशन की दो दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला के समापन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वोकल फॉर लोकल को क्रियान्वित करने का इससे अच्छा तरीका और कुछ नहीं है। प्रदेश में ऐतिहासिक इमारते हैं, पुरातत्व स्थल है, प्राकृतिक सौंदर्य, संस्कृति एवं कला का अनूठा मिलन है। इतनी सारी खूबियाँ देश के किसी अन्य राज्य में एक साथ मौजूद नहीं है। उन्होंने जिले से आए अधिकारियों से चर्चा कर समस्याएँ जानी और पर्य़टन के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के सुझाव भी लिए।
पर्यटन एक अनुभवः एएमडी श्रोत्रिय
कार्यशाला के पहले दिन शुभारंभ अवसर पर मप्र टूरिज्म बोर्ड के अपर प्रबंध संचालक विवेक श्रोत्रिय ने कहा कि पर्यटन एक अनुभव है। हमारी पाँचों इंद्रियों को जो अच्छा लगे, वो पर्य़टन है। प्रदेश के पर्यटन स्थलों को टूरिज्म बोर्ड द्वारा विभिन्न शासकीय इकाइयों एवं निजी भागीदारी से विकसित किया जा रहा है। शासकीय भूमि पर रिसोर्ट/होटल निर्माण करना हो, हेरिटेज इमारतों को होटल में बदलने के लिए लीज पर देना हो या फिर फिल्म-निर्माण की अनुमतियाँ हो, हर क्षेत्र में बोर्ड द्वारा पारदर्शिता से सब्सिडी का आवंटन किया जा रहा है।
हाल ही में स्वदेश दर्शन योजना का दूसरा संस्करण लांच हुआ है, जिसमें बोर्ड ने चित्रकूट, ग्वालियर आदि स्थलों के विकास की रूपरेखा निर्धारित कर प्रस्ताव भेजा है। दो दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला मध्यप्रदेश पुलिस प्रशिक्षण अकादमी, भौंरी में हुई। इसमें पर्यटन विभाग के डायरेक्टर स्किल्स मनोज कुमार सिंह, ज्वॉइंट डायरेक्टर प्रशांत कुमार सिन्हा, संतोष श्रीवास्तव, डिप्टी डायरेक्टर युवराज पडोले, वीरेंद्र खंडेलवाल, असिसटेंट डायरेक्टर डॉ. धीरेंद्र मिश्रा सहित प्रदेश के डीएटीसीसी, टूरिज्म प्रबंधक, एमपीएसटीडीसी के क्षेत्रीय कार्यालयों के प्रतिनिधि, होम स्टे योजना के नामित अशासकीय सदस्य और परियोजना सहयोग संस्थानों से सहभागी मौजूद थे।