नगर निगम चुनाव में मतदान के बाद कड़ी सुरक्षा के बाद ईवीएम नेहरू स्टेडियम में जमा की गई है। यहां 24 घंटे निगरानी की जा रही है। 17 जुलाई को मतगणना होगी। इसी दिन पता चलेगा इंदौर की जनता ने किसे चुना है।
नगर निगम चुनाव में मतदान हो गया और अब मतगणना का इंतजार है। मतदान के बाद नेहरू स्टेडियम में बने स्ट्रांग रूम में सभी ईवीएम रख दी गई है। 17 जुलाई को मतगणना होगी, जिसकी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। वोटों की यह गिनती अधिकतम 32 राउंड तक चलेगी। इसके लिए अलग-अलग कक्षों में विधानसभावार वार्डों के मतों की गिनती की जाएगी।
जानकारी के मुताबिक हर वार्ड के लिए दो-दो टेबल लगाने की तैयारी की गई है। इसमें महापौर के अलावा 85 वार्ड के पार्षद पदों के प्रत्याशियों को मिले मतों की गिनती होगी। नेहरू स्टेडियम में कड़ी सुरक्षा के बीच यह ईवीएम रखी गई हैं। यहां सिपाही 17 जुलाई तक 24 घंटे अलग-अलग शिफ्ट में तैनात किए गए हैं। इधर वोटिंग के बाद बुधवार को शहर के 2250 मतदान केंद्रों से मतदान दल रात साढ़े नौ बजे तक नेहरू स्टेडियम पहुंचते रहे। स्टेडियम में रात लगभग एक बजे तक स्ट्रांग रूम में ईवीएम जमा की जाती रही। कुछ उम्मीदवारों को आशंका है कि स्ट्रांग रूम में ईवीएम से कहीं छेड़छाड़ न हो, इसलिए वे नेहरू स्टेडियम में स्ट्रांग रूम के बाहर निगरानी करना चाहते हैं। इसके लिए महापौर के कांग्रेस प्रत्याशी संजय शुक्ला सहित अन्य ने जिला निर्वाचन कार्यालय को आवेदन दिया है। शुक्ला ने नेहरू स्टेडियम में रखी गई ईवीएम की निगरानी के लिए अपने कार्यकर्ताओं को भी बैठने की अनुमति जिला निर्वाचन अधिकारी से मांगी है। इसके लिए उन्होंने जिला निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखा है।
मतदान के बाद मंथन का दौर शुरू
इस बार नगर निगम चुनाव में मतदान का प्रतिशत कम होने के बाद अब मंथन का दौर शुरू हो चुका है। प्रचार की थकान उतारने के बाद महापौर प्रत्याशी समेत पार्षद प्रत्याशी जीत-हार के गणित लगाते रहे। कांग्रेस इससे उत्साहित नजर आई और दावा किया कि इस बार इंदौर में बदलाव होगा वहीं भाजपा की ओर से भी यही जवाब दिया गया कि इंदौर की जनता ने विकास के नाम पर वोट किया है। हालांकि भाजपा सूत्रों के मुताबिक कम वोटिंग ने पार्टी की चिंता तो बढ़ाई है क्योंकि सिर्फ इंदौर ही नहीं बल्कि भोपाल और उज्जैन में भी गत चुनावों की तुलना में मतदान का प्रतिशत कम रहा है। ऐसे में इस बार चौंकाने वाले परिणाम की आशंका भी जताई जा रही है और माना यह भी जा रहा है कि हार-जीत का अंतर कम ही रहेगा। 17 जुलाई को परिणाम आने तक अब वार्डवार समीक्षा की जा रही है।