10 करोड़ का आसामी निकला नगर निगम का असिस्टेंट इंजीनियर, आय से अधिक संपत्ति मामले में FIR
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इंदौर। नगर निगम के एक और भ्रष्ट अधिकारी की काली कमाई उजागर हुई है। इस बार लोकायुक्त पुलिस ने नगर निगम में पदस्त असिस्टेंट इंजीनियर देवानंद पाटिल के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने पर केस दर्ज किया है। दरअसल, नौकरी में रहते हुए नगर निगम असिस्टेंट इंजीनियर देव आनंद पाटील की वेतन से 1 करोड़ से अधिक की कमाई अब तक हुई है लेकिन पाटिल ने इंदौर के पोस्ट क्षेत्र धारकोटे में करीब 10 करोड़ कीमत का 2 मंजिला मकान बना रखा है। वहीं विभाग में सूचना दिए बगैर तीन फ्लेट तीन प्लाट खेती की जमीन भी खरीद रखी है। लोकायुक्त डीएसपी आनंद यादव ने बताया कि नगर निगम सहायक यंत्री देव आनंद पाटील द्वारा लॉक डाउन के दौरान दो प्लॉट की खरीदी की बात सामने आई है। फिलहाल आनंदपाल देवानंद पाटिल रीजनल पार्क प्रभार लिए हुए हैं। वहीं निगम के कई जोन में व जोनल अफसर भी रह चुके हैं।
लोकायुक्त प्रारंभिक जांच में जानकारी मिली थी नगर निगम असिस्टेंट इंजीनियर देव आनंद पाटील के कुल कमाई का तकरीबन 50% से ज्यादा पैसा अर्जित कर रखा है। स्वर्णा रेसिडेंसी में फ्लैट नंबर 102-116 सहित शहर के कई पॉश इलाकों में प्लॉट और फ्लैट और मकान की जानकारी भी लोकायुक्त को मिली है। दरअसल, लोकायुक्त डीएसपी आनंद यादव ने बताया कि नगर निगम असिस्टेंट इंजीनियर देव आनंद पाटील को हृदय संबंधित बीमारी है और इसी के चलते वह पिछले लंबे समय से कार्य से छुट्टी पर चल रहे थे। फिलहाल लोकायुक्त ने उनके घर छापा उनके स्वास्थ्य को देखते हुए नहीं मारा और अधिक संपत्ति के सबूत मिलने के आधार पर लोकायुक्त ने नगर निगम असिस्टेंट इंजीनियर देवानंद पाटिल के खिलाफ केस पंजीबद्ध कर लिया है। फ़िलहाल लोकायुक्त असिस्टेंट इंजीनियर की अन्य संपत्तियों व मेडिकल हिस्ट्री भी खंगाल रही है। गौरतलब है कि असिस्टेंट इंजीनियर देवआनंद पाटील निगम के कई जोन में जोनल अफसर के पद पर रह चुके हैं और धारकोठी इलाके में पाटिल के दो मंजिला मकान कोरोना के लॉकडाउन में खरीदा था जिसकी बाजार भाव से कीमत तकरीबन 10 करोड़ बताई जा रही है। इसके अलावा कई बैंक खाते लॉकर एफडी की जानकारी भी लोकायुक्त को मिली है।