फर्जी काल सेंटर चला रहा था इंटरनेशनल जालसाज, गिरफ्तार

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Update: 2022-06-28 09:52 GMT

इंदौर। अमेरिकी सोशल सिक्युरिटी नंबर (एसएसएन) अफसर बताकर अमेरिकी नागरिकों को ठगने वाला करण भट्ट फरारी में भी काल सेंटर चला रहा था। इंदौर क्राइम ब्रांच उससे गोपनीय स्थान पर पूछताछ कर रही है। करण के खिलाफ अमेरिकी खुफिया एजेंसी फेडरल ब्यूरो आफ इन्वेस्टिगेशन(एफबीआइ) ने सुबूत सौंपे थे। नवंबर 2017 में इंदौर क्राइम ब्रांच ने ओके बिल्डिंग (निपानिया) में छापा मारकर फर्जी काल सेंटर पकड़ा था। यहां से पकड़े गए युवक युवती खुद को एसएसएन अफसर बता कर अमेरिकी नागिरकों को ड्रग ट्रैफिकिंग, मानव तस्करी, फर्जीवाड़ा जैसे मामलों में फंसा बता कर कानूनी कार्रवाई की धमकी देते थे।

आरोपित समझौता करने के नाम पर उनसे 500 से 1000 डालर खातों में जमा करवा लेते थे। इस गिरोह का सरगना करण भट्ट था जो मौके से फरार हो गया था। इंदौर क्राइम ब्रांच इस मामले की जांच कर रही थी। एफबीआइ को पीड़ित अमेरिकी नागरिकों के डाटा मुहैया करवा कर ठगों के खिलाफ सुबूत मांगे थे। क्राइम ब्रांच ने करण को गुजरात से गिरफ्तार कर लिया। वह फरारी के दौरान पंजाब के किसी शहर में काल सेंटर चला रहा था। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी नहीं दर्शाई है। उससे गोपनीय स्थान पर पूछताछ चल रही है। करण के साथी हर्ष भावसार और विश्वजीत भी हैं जो ठगी में लिप्त रहे हैं। पुलिस उनकी भी जानकारी जुटा रही है।

विदेशी खातों की जानकारी जुटा रहे अफसर
पुलिस ने करण को तो गिरफ्तार कर लिया लेकिन डालर में वसूले रुपये भारत कैसे पहुंचे, इसका खुलासा नहीं हुआ। जानकारी मिली थी कि आरोपितों द्वारा यूएस, हांगकांग और पेरु के खातों का भी इस्तेमाल कियागया है। शुरुआत में डालर में रुपये लेकर गिफ्ट कार्ड खरीद लिए जाते थे। बाद में उन्हें विदेशी खातों में जमा कर एक अन्य कंपनी के माध्यम से भारत मंगवाया जाता था। रुपये ट्रांजेक्शन का काम करण और हर्ष के जिम्मे ही था। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।
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