सामान्य प्रशासन विभाग ने HC में दी जानकारी, सरकारी नौकरियों में OBC का कितना प्रतिनिधित्व
मध्य प्रदेश में सरकारी नौकरियों में अन्य पिछड़ा वर्ग का प्रतिनिधित्व 13.6 फीसदी है। यह पहला मौका है जब सामान्य प्रशासन विभाग ने सरकारी नौकरियों में अन्य पिछड़ा वर्ग की हिस्सेदारी से संबंधित डेटा हाईकोर्ट के समक्ष रखा है। ओबीसी आरक्षण को बढ़ाकर 27 फीसदी करने को लेकर अंतिम सुनवाई 16 अगस्त को सुनवाई होगी। उससे पहले यह डेटा अदालत में रखा गया है।
एडवोकेटर रामेश्वर ठाकुर ने कहा, मार्च 2019 से 60 से ज्यादा याचिकाएं अदालत में पेंडिंग हैं। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में पेन्डिंग इन याचिकाओं में ओबीसी आरक्षण को 27 फीसदी करने की मांग की गई है। इस याचिकाओं की सुनवाई के दौरान अदालत ने विभिन्न विभागों में 27 फीसदी आरक्षण पर फिलहाल रोक लगाई है।
हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि ओबीसी कमीशन का गठन किया जाए और सरकारी सेवाओं में ओबीसी के प्रतिनिधित्व संबंधित डेटा को प्रस्तुत किया जाए। सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा जो डेटा प्रस्तुत किया गया उसमें बताया गया है कि सरकारी नौकरियों के कुल स्वीकृत पद 3,21,944 हैं। इनमें से 43,978 कर्मचारी ओबीसी वर्ग से हैं। इस प्रकार ओबीसी वर्ग सरकारी नौकरियों में 13.66 प्रतिशत है। पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट हाईकोर्ट में प्रस्तुत किया जाना शेष है।
राज्य सरकार ने नवंबर 1980 में रामजी महाजन आयोग गठित किया था। इस आयोग ने दिसंबर 1983 में अपनी रिपोर्ट में ओबीसी को 35 प्रतिशत आरक्षण देने की अनुशंसा की थी। हालांकि, इसके बाद इस आयोग की अनुशंसाओं को नहीं लागू होने देने की मांग को लेकर एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी।
मध्य प्रदेश सरकार ने मार्च 2019 में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण लागू कर दिया था। जिसके संबंध में हाई कोर्ट में 60 से अधिक याचिकाओं को अंतिम सुनवाई होनी है।