सफेद बाघिन के शावक की मौत, ग्वालियर चिड़ियाघर में पसरा मातम, अंतिम संस्कार में भावुक हुए लोग
देश के सबसे पुराने गांधी प्राणी उद्यान में शुक्रवार रात एक मादा शावक की कार्डियक अरेस्ट से मौत हो जाने से शोक की लहर फैल गई। यह अभी महज साढ़े चार महीने का था और अपनी अठखेलियों से जू में आने वाले पर्यटकों खासकर बच्चों को बहुत रिझाता था। जू में एक साथ तीन शावकों ने जन्म लिया था, अपनी बहन के न दिखने से उसके साथ जन्म लेने वाले दोनों शावक आज बेचैन नजर आए।
चिड़ियाघर पहुंचे डीएफओ नितेश पांडे ने बताया कि मृत मादा शावक अभी महज साढ़े चार महीने का था और उसे कोई बीमारी नही थी। हालांकि, मौत की सही वजह का पता तो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही हो सकेगा। लेकिन प्रथम दृष्टया जो लक्षण हैं, उससे लग रहा है कि इसके निधन की वजह कार्डियक अरेस्ट है।
वन्य प्राणियों के लिए तय मानकों (SOP) के अंतर्गत शनिवार सुबह पहले विशेषज्ञों द्वारा उसका पोस्टमॉर्टम किया गया और उसके बाद उसका अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार के समय नगर निगम के अनेक अधिकारी और चिड़िया घर के सभी कर्मचारी मौजूद थे। सभी की आंखे नम थीं, क्योंकि जन्म से लेकर अब तक उन्होंने उसके साथ समय गुजारा था। मृत शावक न केवल देश, बल्कि दुनिया में दुर्लभ प्रजाति का सफेद शावक था, जिसके लिए रीवा मशहूर है। अप्रैल में एक मादा ने एक साथ तीन शावकों को जन्म दिया था, जिनमें से यह मादा सफेद प्रजाति की थी।