नीमच में मंजू मांगीलाल भील की शानदार जीत, बन सकती है जिला पंचायत अध्यक्ष
बड़ी खबर
नीमच। नीमच जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए गहमागहमी शुरू हो चुकी है क्योंकि जिला अध्यक्ष भाजपा का बनने जा रहा है। ये नतीजे आने पर पूरी तस्वीर साफ हो चुकी है। 10 वार्ड सदस्यों के चुनाव में भाजपा अधिकृत 6 प्रत्याशी जीत कर आये है। इनमें सर्वाधिक मतों से वार्ड क्रमांक 2 से आदिवासी महिला मंजू मांगीलाल भील ने 21785 मतों से चुनाव जीता जो की एक रिकार्ड जीत है मंजू बाई को हर बूथ से जीत मिली है।
हालांकि मंजू बाई के समर्थन में सांसद सुधीर गुप्ता से लेकर कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा तक ने मैदान संभाल रखा था। हर गांव में प्रचार प्रसार किया। वही भाजपा के जिलाध्यक्ष पवन पाटीदार ने बूथ स्तर पर पूरी मजबूती कायम रखी थी। इस वार्ड में कांग्रेस के प्रत्याशी द्वारा नाम वापस लेने का मामला भी चर्चाओं में रहा फिर भी ये सीट इतनी आसान नहीं थी सामने भी प्रतिद्वंद्वी मजबूत था। मगर बड़े नेताओं के मैनजमेंट और आदिवासी वर्ग के समर्थन से ये सीट सर्वाधिक मतों से भाजपा ने जीती। अब इस सीट पर सम्भावना है कि मंजु बाई मांगीलाल भील की ही ताजपोशी होकर उनको जिला पंचायत अध्यक्ष बनाया जा सकता है क्योंकि भाजपा जिस प्रकार से आदिवासी वर्ग में फ़ोकस कर रही है इससे लगता है कि मंजु बाई को जिले के इस महत्वपूर्ण पद पर बैठा सकती है।
भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेता भी ये ही चाहते है कि मंजू बाई को ही अध्यक्ष के लिए चुना जाए क्योंकि इससे भाजपा को जिले मे आने वाले विधानसभा चुनाव में अच्छा फायदा होता दिख रहा है। क्योंकि आदिवासी वोट बैंक भाजपा का बढेगा साथ ही भाजपा की जो रीतिनीति है उसमें मंजू बाई को लेकर कयास है कि उनको इस पद का दावेदार बनाया जाए। वही दूसरी और जिले के आदिवासी नेता भी मंजू बाई मांगीलाल भील को जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने की मांग पार्टी से कर रहे है। अगर मंजू बाई इस पद पर पर काबिज होती है तो फिर नीमच जिले के इस महत्वपूर्ण पद पर आदिवासी महिला को प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलेगा और आदिवासी वर्ग कहीं ना कहीं सीधे तौर पर मजबूती से भाजपा से जुड़ सकेगा।
हालांकि इस पद पर भाजपा किसे अपना उम्मीदवार बनाती है ये कहा नहीं जा सकता मगर संभावना ये बन रही है कि हो सकता है भाजपा इस आदिवासी महिला को ही इस पद पर काबिज कर ऐसी संभावना बनती दिखाई दे रही है। कलेक्टर से गांव चौपाल में बेबाक तरीके से बात करके क्षेत्र की विभिन्न जन समस्याओं को हल करवा चुकी मंजू बाई का बेबाक अंदाज़ देखकर कलेक्टर भी उस समय चौक पड़े थे और कलेक्टर ने तुरंत मंजू बाई की मांगे मान ली थी।