चीतों के रहवास को देखने आया अफ्रीका से सदस्यीय दल

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Update: 2022-06-14 16:08 GMT

श्योपुर। कूनो नेशनल पार्क में अफ्रीकी चीते बसाने की प्रकिया ने अब तेजी पकड़ ली है। 9 जून को कूनो डीएफओ पीके वर्मा दल के साथ दक्षिण अफ्रीका से प्रशिक्षण लेकर भारत वापस आए ही थे, कि मंगलवार को दक्षिण अफ्रीका से 3 सदस्यीय दल कूनो आ गया है। यह दल कूनो में चीतों के लिए अनुकूलता और व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए आया है। साउथ अफ्रीका और नामीबिया से एक छह सदस्यीय टीम मंगलवार को श्योपुर पहुंची। टीम ने श्योपुर पहुंचकर दोपहर बाद कूनो डीएफओ और अन्य अधिकारियों के साथ कूनो नेशनल पार्क का भ्रमण किया।

यहां बता दें, कि अफ्रीका से आए 3 सदस्यीय टीम में डा. लारी मार्कर, डा. एड्रियन, विसेंट एंड कारों 2 दिन पहले भारत आ गए थे। सोमवार को देहरादून से भारतीय वन्य प्राणी विशेषज्ञ डा. वायवी झाला और विपिन के साथ सोमवार सवाईमाधोपुर नेशनल पार्क में आ गए थे। रात में वहां रूककर मंगलवार दोपहर करीब 1 बजे श्योपुर पहुंची। इसके बाद टीम ने कूनो नेशनल पार्क में पहुंचकर स्थानीय अधिकारियों के साथ पूरे पार्क के वनक्षेत्र की स्थिति जानी। साथ ही चीतों के लिए बनाए गए 5 वर्ग किलोमीटर के विशेष बाड़े का निरीक्षण कर व्यवस्थाएं देखी। यह टीम चीतों के लिए बनाए गए विशेष बाड़े में जो कमियां या जरूरत के अनुसार काम बताएगी।
4 दिन पहले ही अफ्रीका से लौटा था दल

चीता प्रोजेक्ट के तहत एक पांच सदस्यीय टीम गत 29 मई से 9 जून तक दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया का दौरा कर लौटी है। नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी के डीआइजीएफ राजेंद्र गरवाड़, कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ पीके वर्मा, भारतीय वन्यजीव संस्थान से डा.विपिन, कूनो नेशनल पार्क के एसडीओ फारेस्ट अमृतांशु सिंह और पशु चिकित्सक डा. ओंकार अचल की टीम ने अफ्रीका में ट्रेनिंग ली और चीतों के व्यवहार व रहन सहन की जानकारी ली। अब अफ्रीका की टीम यहां व्यवस्थाओं का जायजा लेने आई है। इससे उम्मीद बंधी है कि आगामी कुछ माह में अफ्रीकी चीते कूनो में शिफ्ट हो सकते हैं।

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