74 वर्षीय Shyamadevi की आंखों से रोशन होगा दो लोगों का जीवन

Update: 2024-11-30 14:29 GMT
Nagdaनागदा: नेत्रदान के प्रति नगर में अब जागरुकता बढ़ने लगी है। पिछले दो माह में ही लगभग 6 से अधिक परिवारों ने अपने परिजन की मृत्यु के बाद नेत्रदान कराया है। शनिवार को रधुवंशी परिवार ने अपने परिजन के मरणोपरांत नेत्रदान कराया। इससे 2 लोगों को रोशनी मिल सकेगी। अखिल भारतीय श्री राजेंद्र जैन नवयुवक परिषद् के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी ब्रजेश बोहरा व जैन सोशल ग्रुप अध्यक्ष मनीष चपलोत ने बताया 30 नवंबर को रघुवंशी समाज की सदस्य श्रीमती श्यामाबाई पति श्रीचन्द्र सिंह रघुवंशी का देवलोकगमन हो गया था। सूचना बोहरा और चपलोत को मिली, जिस पर उनके परिजनों से चर्चा कर नेत्रदान के लिए जागरुक किया व परिवार ने सहमति दी। इस पर गीता भवन न्यास समिति बड़नगर के डॉ. जीएल ददरवाल से संपर्क कर टीम को शहर बुलाया गया। डॉ. ददरवाल की टीम में शामिल , सुभाष गुप्ते, परमानंद पंवार, व मनीष तलाच ने मिलकर नेत्रदान करवाया। साथ ही नेत्रदान की विस्तृत जानकारी परिजनों देकर नेत्रदान का प्रमाण पत्र सौंपा। इस मौके पर परिवारजनों के अलावा कमलनयन चपलोत व परिचित लोगों की उपस्थिति रही।


 




 


अक्टूम्बर व नवम्बर माह में करवा चुके छ: नेत्रदान
अभा श्री राजेंद्र जैन नवयुक्क परिषद के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी ब्रजेश बोहरा के मुताबिक व्यक्ति की मृत्यु के बाद इन आंखों को अगर दान किया जाए तो अन्य व्यक्ति के जीवन से अंधकार को मिटाया जा सकता है। इस उद्देश्य को लेकर लगातार लोगों को जागरुक करने का प्रयास किया। मृतक परिवारजनों की सहमति के बाद बड़नगर की टीम के माध्यम से लगातार नेत्रदान कराया जा रहा है। अब तक 24 परिवार ने अपने परिजन की मृत्यु पर नेत्रदान कराया है।अक्टूंबर व नवंबर में ही 6 नेत्रदान हुवे। डॉ. ददरवाल की टीम लगातार नेत्रदान में सहयोग कर रही है, टीम ने अब तक 578 नेत्रदान कराए हैं। नेत्रदान महादान है।
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