चेन्नई, (आईएएनएस)| केरल द्वारा नारणपुरम गांव में इलेक्ट्रॉनिक और बायोमेडिकल कचरा फेंके जाने के खिलाफ तमिलनाडु के तेनकासी में विरोध बढ़ रहा है। गौरतलब है कि केरल के पोल्ट्री कचरे को नारणपुरम गांव के खेतों में फेंके जाने के बाद तिरुवेंगदम पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है।
नारणपुरम गांव के निवासी उल्लास कुमार ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, यह बर्दाश्त से बाहर है। बायोमेडिकल कचरा और इलेक्ट्रॉनिक कचरा हमारे खेतों में फेंका जा रहा है और यह केरल से आ रहा है। थिरुवेंगदम पुलिस स्टेशन में एक मामला पहले ही दर्ज किया जा चुका है। दो सप्ताह पहले ही थिरुवेंगदम पुलिस स्टेशन में हमारे खेतों में पोल्ट्री कचरे के डंपिंग पर मामला दर्ज किया जा चुका है। अगर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई नहीं की तो हम सड़क जाम करने को विवश होंगे।
खेत मालिक तेनकासी जिले के अधिकारियों द्वारा बायोमेडिकल और इलेक्ट्रॉनिक अपशिष्ट प्रबंधन नियमों पर केंद्र सरकार की नीति का पालन किए बिना बायोमेडिकल और इलेक्ट्रॉनिक कचरे को जलाने का भी विरोध कर रहे हैं।
तेनकासी पुलिस पहले ही कन्याकुमारी पुलिस के सामने इस मुद्दे को उठा चुकी है।
जिला पुलिस अधीक्षक ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि केरल की सीमा से लगे पुलियारा चेकपोस्ट पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
स्थानीय लोगों ने आईएएनएस को बताया कि उन्हें केरल से तेनकासी आने वाले ट्रकों को रोकना होगा, क्योंकि अधिकांश ट्रक चालक बायोमेडिकल कचरे को तेनकासी के खेतों में फेंक रहे हैं।
नयनमार गांव के निवासी राजशेखरन पिल्लई ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, वे बायोमेडिकल कचरे को यहां कैसे डंप कर सकते हैं? इसमें सिरप की बोतलें, अप्रयुक्त टैबलेट और इस्तेमाल की गई सीरिंज शामिल हैं। बारिश के साथ ये गोलियां और अन्य जैव चिकित्सा अपशिष्ट पानी में मिल जाएंगे और हमारी भूमि को प्रदूषित कर देंगे।