'हिंदू' शब्द विवाद : कांग्रेस नेता बोले, पार्टी को नुकसान से बचाने के लिए मैंने बयान वापस लिया
बेलागवी, (आईएएनएस)| कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव सतीश जारकीहोली ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने 'हिंदू' शब्द की उत्पत्ति पर अपना बयान वापस ले लिया है, ताकि कांग्रेस पार्टी को नुकसान न पहुंचे। उन्होंने कहा, "लेकिन, मैं आने वाले दिनों में अपनी बात को साबित करने की कोशिश करूंगा। मैं इस संबंध में इतिहासकारों से मिलूंगा।" जारकीहोली ने कहा था कि 'हिंदू' की उत्पत्ति फारसी से हुई है और इसका मतलब गंदा होता है। सत्तारूढ़ भाजपा और हिंदुत्ववादी संगठनों ने बयान की निंदा की और राज्यभर में आंदोलन शुरू कर दिया। कांग्रेस ने बयान से खुद को दूर कर लिया और जारकीहोली ने माफी मांगते हुए घोषणा की कि वह अपना बयान वापस लेते हैं।
हालांकि, उनके ताजा बयान से और विवाद पैदा होने की संभावना है। उन्होंने कहा, "मैंने एक निजी समारोह में यह बात कही थी और मुझे नहीं लगता था कि यह इतना बड़ा मुद्दा बनेगा। लेकिन, मैं कांग्रेस पार्टी में एक नेता हूं। पार्टी को मेरे बयानों से प्रभावित नहीं होना चाहिए। इसलिए मैंने माफी मांगी है और बयान वापस लिया है।"
उन्होंने कहा, "मामला यहीं खत्म होने वाला नहीं है। कई लोगों ने मुझसे बात की है। यहां तक कि खुद को साबित करने की जिम्मेदारी मुझ पर भी है। मैं कुछ शोध करूंगा और मैं अपनी पार्टी के नेताओं और बाकी सभी को मनाऊंगा। मैंने अपने सिद्धांतों को नहीं छोड़ा है।"
जरकीहोली ने कहा, "मैंने जल्दबाजी में बयान नहीं दिया है। मैंने भाषण देने से पहले शोध किया है। राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर अपना बयान वापस लेने का दबाव था, इसलिए मैंने माफी मांगी। मैंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ इस पर चर्चा की है।"
उन्होंने कहा, "पार्टी मेरा समर्थन करेगी और नेता मेरे साथ हैं। मेरे बयान विवादास्पद हो गए हैं। उन्होंने मुझे और मेरी पार्टी को हिंदू विरोधी के रूप में चित्रित किया है। मुझे पता है कि इसे किसने शुरू किया था। मुझे यह भी एहसास है कि विरोधी दल इसे मुद्दा बनाएंगे। अगर इसे यहीं छोड़ दिया जाता है, तो यह पार्टी को नुकसान पहुंचाने वाला है, इसलिए तथ्यों को साबित करने और सच्चाई सामने लाने की जरूरत है।"
जारकीहोली ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि 'हिंदू' शब्द भारतीय नहीं, बल्कि 'फारसी' है।
मानव बंधुत्व वेदिक द्वारा आयोजित निप्पनी शहर में एक समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने सवाल किया था कि भारत और फारस के बीच क्या संबंध है? हिंदू कोई भारतीय शब्द नहीं है। यह फारसी है। जारकीहोली ने कहा था, "हिंदू शब्द कैसे हमारा हो गया, इस पर बहस की जरूरत है।"
उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए आगे कहा था, "हिंदू ईरान, इराक और कजाकिस्तान से संबंधित फारसी शब्द है। यह शब्द भारतीय कैसे हो सकत है? व्हाट्सएप, विकिपीडिया में देखें, यह शब्द फारस से आया है, यह आपका नहीं है।"
जारकीहोली ने यह भी कहा था, "इस शब्द को महिमामंडित क्यों किया जा रहा है? यह आपका शब्द नहीं है। अगर आप इस शब्द का मतलब जानेंगे तो आपको शर्म आएगी। हिंदू शब्द का अर्थ है गंदा। यह मैं नहीं कह रहा हूं, एक स्वामी जी यह बता रहे हैं और यह एक वेबसाइट पर है। एक अलग धर्म, क्षेत्र का शब्द हम पर जबरदस्ती थोपा जा रहा है, इस पर बहस होनी चाहिए।"