एफआईआर कॉपी सहित कई दस्तावेज किए हासिल, सीआईडी के साथ जांच में जुटी एनआईए टीम
रांची में 10 जून को हुए उपद्रव की एनआईए ने समानांतर जांच शुरू कर दी है। इसके लिए जांच एजेंसी ने डेली मार्केट में दर्ज एफआईआर की कॉपी समेत केस से जुड़े कई दस्तावेज को हासिल किया है। हालांकि, एनआईए ने अबतक आधिकारिक तौर पर इस केस को टेकओवर नहीं किया है। बताया जाता है कि जांच में गंभीर तथ्य सामने आने पर केस को एनआईए टेकओवर करेगी। बता दें कि अभी इस केस की जांच सीआईडी कर रही है।
पुलिस के आला अधिकारियों के मुताबिक, 10 जून को रांची समेत देश के कई शहरों में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। जिस अंदाज में पूरा घटनाक्रम हुआ था, इससे स्पष्ट था कि सारी चीजें सुनियोजित थीं। हिंसक घटनाएं एक ही तारीख में हुईं। प्रदर्शन में शामिल लोगों के हाथ में तख्तियां थीं, झंडे थे। ऐसे में पुलिस व जांच एजेंसियां मानकर चल रही हैं कि पूरी हिंसा सुनियोजित थी।
हिंसक घटनाओं में झारखंड में प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की राजनीतिक इकाई सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) की भूमिका सामने आयी है। अधिकारियों के मुताबिक, प्रारंभिक स्तर पर एनआईए अभी मामले से जुड़े तथ्य जुटा रही है।
एनसीपीसीआर गंभीर
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) हिंसक प्रदर्शन के बाद झारखंड समेत अन्य राज्यों के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर पहले ही एनआईए से जांच कराने की मांग कर चुका है। राज्यों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में आयोग ने कहा है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी एनआईए जांच की अनुशंसा केंद्र सरकार को भेजें।
आयोग ने दंगा वाले सभी जिलों के एसपी से नाबालिगों के हिंसा में इस्तेमाल के पहलुओं पर रिपोर्ट मांगी थी। आयोग के अध्यक्ष प्रियंका कानूनगो ने राज्यों को भेजे पत्र में बताया था कि जिलों में दंगा से जुड़े कई वीडियो सामने आए हैं। इसमें नाबालिग भी शामिल दिख रहे हैं। दंगा वाले जिलों के सभी एसपी से पूछा गया है कि यह पता लगाएं कि हिंसा में नाबालिगों का इस्तेमाल दंगाइयों ने कवच के तौर पर तो नहीं किया।