तीन जुलाई को हुए जेएसएससी जेई परीक्षा को रद्द करने की मांग, जानें वजह
झारखंड में कोई भी परीक्षा विवादों से अछूती नहीं रह रही. पहले जेपीएसएससी परीक्षा रिजल्ट में फेरबदल का आरोप परीक्षा देने वाले छात्रों द्वारा लगाया गया था;
झारखंड में कोई भी परीक्षा विवादों से अछूती नहीं रह रही. पहले जेपीएसएससी परीक्षा रिजल्ट में फेरबदल का आरोप परीक्षा देने वाले छात्रों द्वारा लगाया गया था; अब एक बार फिर तीन जुलाई को हुए जेएसएससी जेई परीक्षा को रद्द करने की मांग की जा रही है. मंगलवार देर शाम धनबाद में कई छात्र परीक्षा को रद्द करने की तख्ती को लेकर रणधीर वर्मा चौक पहुंच गये. छात्रों द्वारा जेएसएससी जेई परीक्षा को रद्द करने की मांग करते हुए जोररदार नारे लगाए गए और पुरजोर विरोध किया गया.
मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर छात्रों ने अपना आक्रोश जताया. 3 जुलाई को परीक्षा समय 10 बजे से ठीक पहले आंसर वायरल होने की बात छात्रों द्वारा कही गई, वहीं सीटों को बेचने का भी गम्भीर आरोप सरकार पर लगाया गया है. प्रदर्शन करने वाले छात्र काफी गुस्से में दिखे. छात्रों के प्रदर्शन को अपना समर्थन भाषा विवाद आंदोलन करने वाले जयराम महतो ने दिया है. जयराम महतो ने सरकार की नीति पर ही सवाल उठाते हुए झारखण्ड के नौजवानों को ठगने का आरोप राज्य सरकार पर लगाया
प्रदर्शन करने वाले छात्र चन्दन कुमार ने कहा कि वर्तमान सरकार जिस तरह जेपीएसएससी को निगल गई उसी तरह से जेएसएससी जेई को भी निगलना चाह रही है. 3 जुलाई को परीक्षा थी लेकिन पेपर शुरू होने से पहले ही सुबह 9 बजे आंसर वायरल कर दिया जाता है. सरकार को इसकी जांच करनी चाहिए, साथ ही इस परीक्षा को रद्द करे. सरकार छात्रों के साथ अन्याय कर रही है, ऐसी स्थिति में मरने मारने के सिवा कोई रास्ता नहीं बचा है. छात्रों ने कहा कि सरकार खुद कहती है कि अंडा-मुर्गी बेचना भी रोजगार है. आज तक नियोजन नीति सरकार नहीं बना पाई है. सरकार झारखंड राज्य विरोधी नीति लाकर यहां के लोगों को खुद चुनौती दे रही है.