झारखंड के 24 जिलों के 180 प्रखंड सुखाड़ की चपेट में

झारखंड में सुखाड़ की संभावना बढ़ गई है. NDVI इंडेक्स के अनुसार राज्य के सभी 24 जिलों में सुखाड़ जैसे हालात बने हुए हैं.

Update: 2022-08-18 11:11 GMT

झारखंड में सुखाड़ की संभावना बढ़ गई है. NDVI इंडेक्स के अनुसार राज्य के सभी 24 जिलों में सुखाड़ जैसे हालात बने हुए हैं. राज्य के 24 जिलों के 180 प्रखंड में सुखाड़ जैसी स्थिति बनी हुई है. झारखंड मंत्रालय में राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह के द्वारा आहूत समीक्षा बैठक के बाद की ये जमीनी हकीकत है. राज्य के 18 लाख हेक्टेयर में धान की फसल की तुलना में इस बार अब तक मात्र 30 प्रतिशत ही रोपनी हो सकी है. कृषि विभाग ने किसानों के लिये वैकल्पिक खेती की संभावना पर काम करना शुरू कर दिया है. कम पानी में तैयार होने वाले फसल के बीज बहुत जल्द किसानों को उपलब्ध करा दिए जाएंगे.

मानसून की बेरुखी के बाद अब झारखंड में सुखाड़ के हालात नजर आने लगे हैं. पहले औसत से कम बारिश और उसके बाद मात्र 30 प्रतिशत तक धान की रोपनी ने भविष्य की स्थिति को पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया है. भारत सरकार के NDVI इंडेक्स के अनुसार राज्य के सभी 24 जिलों में सुखाड़ की संभावना फिलहाल देखने को मिल रही है. 24 जिलों के करीब 180 प्रखंड इस वक्त सुखाड़ की चपेट में हैं. हालांकि ये आंकड़ा आने वाले समय में घट या बढ़ सकती है. ऐसा इसलिये संभव है, क्योंकि सुखाड़ को लेकर अभी कई तरह के आकलन किये जाने बाकी हैं. झारखंड मंत्रालय में राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह के द्वारा कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ – साथ राज्य के सभी जिलों के DC के साथ हुई समीक्षा बैठक के बाद ये जमीनी हकीकत सामने आई.
कृषि विभाग की निदेशक निशा उरांव के अनुसार संभावित सुखाड़ को लेकर लगातार समीक्षा हो रही है. अब जबकि ये तय माना जा रहा है कि इस बार 60 प्रतिशत कम अनाज का उत्पाद होगा, तब वैकल्पिक खेती को लेकर भी तैयारी शुरू कर दी गई है. विभाग ने कम पानी मे तैयार होने वाली फसल पर फोकस किया है. कृषि विभाग ने इसको लेकर अधिकारियों को विशेष तौर पर दिशा निर्देश भी जारी कर दिया है. वैकल्पिक फसल के बीज बहुत जल्द किसानों को उपलब्ध कराने की योजना है, ताकि किसानों को होने वाले नुकसान की भरपाई समय पर हो सके.
सुखाड़ क्षेत्र घोषित होने को लेकर अभी कई प्रक्रिया बाकी है. केंद्र सरकार के मापदंड को पूरा करने के बाद प्रभावित प्रखंडों की सूची आपदा प्रबंधन विभाग को भेजी जाएगी. सुखाड़ के लिये चिन्हित प्रखंड और जिला का स्पोर्ट सर्वे के लिये केंद्रीय टीम का दौरा भी अभी बाकी है. मतलब साफ है कि झारखंड सुखाड़ के रास्ते पर जरूर आगे बढ़ रहा है, पर आधिकारिक घोषणा में अभी वक्त लगेगा.


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