सरकार ने नौकरी से निकाला, विधवा पत्नी ने लड़ी कानूनी लड़ाई, हाइकोर्ट ने आठ सप्ताह में नौकरी देने का दिया आदेश

शिवचरण सिंह की मृत्यु के बाद अनुकंपा के आधार पर नौकरी पाने को लेकर विधवा लक्ष्मी सिंह की रिट याचिका पर झारखंड हाइकोर्ट ने फैसला सुनाया है

Update: 2022-07-30 08:26 GMT

Ranchi : शिवचरण सिंह की मृत्यु के बाद अनुकंपा के आधार पर नौकरी पाने को लेकर विधवा लक्ष्मी सिंह की रिट याचिका पर झारखंड हाइकोर्ट ने फैसला सुनाया है. हाइकोर्ट के न्यायमूर्ति डॉ एसएन पाठक की कोर्ट में प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता चंचल जैन ने पैरवी की. कोर्ट ने प्रार्थी लक्ष्मी की याचिका को स्वीकृत करते हुए आठ सप्ताह में अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने का निर्देश राज्य सरकार को दिया है.

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि शिवचरण की मृत्यु के पहले उनकी नौकरी में पुन: बहाली हो चुकी थी. लेकिन विभागीय अधिकारियों की विलंब की वजह से विधिवत तरीके उसकी बहाली करने का आदेश नहीं निकला था. इसलिए जिस तिथि को शिवचरण की मृत्यु हुई थी, उस तिथि को वह नौकरी पर समझा जायेगा. कोर्ट ने मामले को निष्पादित करते हुए लक्ष्मी को बहाल करने का आदेश सरकार को दिया.
दरअसल, राज् सरकार की ओर से विज्ञापन संख्या 1/2015 के आधार पर 269 पदों के लिये विज्ञापन निकला था. इसके आधार पर रसोइया, जलवाहक, नाई, स्वीपर के पद पर नियुक्ति हुई थी. शिवचरण की रसोइया पद पर नियुक्ति हुई थी. इसके दो माह बाद 23 जून 2016 को राज्य सरकार ने नोटिफिकेशन निकालकर 269 लोगों की नियुक्ति को रद्द कर दिया था. जिसके खिलाफ शिवचरण एवं अन्य लोगों ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी. हाइकोर्ट ने राज्य सरकार के उस आदेश जिससे उनकी नियुक्ति रद्द हुई थी, उसे निरस्त करते हुए हटाये गये सभी लोगों को फिर से नौकरी पर रखने का आदेश दिया था.

सोर्स- News Wing

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