प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी | उत्तरी कश्मीर के बारामुला में श्वेत क्रांति का उल्लेख करते हुए कहा कि बारामुला का डेयरी उद्योग इस बात का गवाह है कि हमारे देश का हर हिस्सा कितनी संभावनाओं से भरा हुआ है। किसी क्षेत्र के लोगों की सामूहिक इच्छाशक्ति कोई भी लक्ष्य प्राप्त करके दिखा सकती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आजकल देश में जम्मू-कश्मीर की खूब चर्चा होती है। कभी बढ़ते पर्यटन के कारण तो कभी जी20 के शानदार आयोजनों के कारण। कुछ समय पहले मैंने मन की बात में आपको बताया था कि कैसे कश्मीर के नंदड़ू देश के बाहर भी पसंद किए जा रहे हैं।
अब जम्मू-कश्मीर के बारामुला जिले के लोगों ने एक कमाल कर दिखाया है। जिले में खेती-बाड़ी तो काफी समय से होती है, लेकिन यहां दूध की कमी रहती थी। बारामुला के लोगों ने इस चुनौती को एक अवसर के रूप में लिया।
यहां बड़ी संख्या में लोगों ने डेयरी का काम शुरू किया। इस काम में सबसे आगे यहां की महिलाएं आईं। जैसे कि एक बहन हैं-इशरत नबी। इशरत स्नातक हैं और इन्होंने मीर सिस्टर्स डेयरी फार्म शुरू किया है। उनके डेयरी फार्म से हर दिन करीब 150 लीटर दूध की बिक्री हो रही है।
ऐसे ही सोपोर के एक साथी हैं वसीम अनायत। वसीम के पास दो दर्जन से ज्यादा पशु हैं और वो हर दिन 200 लीटर से ज्यादा दूध बेचते हैं। एक और युवा आबिद हुसैन भी डेयरी का काम कर रहें हैं। इनका काम भी खूब आगे बढ़ रहा है।
ऐसे लोगों की मेहनत की वजह से ही आज बारामुला में हर रोज साढ़े 5 लाख लीटर दूध उत्पादन हो रहा है। पूरा बारामुला, एक नई श्वेत क्रांति की पहचान बन रहा है। पिछले ढाई-तीन वर्षों में यहां 500 से ज्यादा डेयरी इकाइयां लगी हैं। यह इस बात का प्रमाण है कि सभी जगह अपार संभावनाएं हैं, बस इच्छाशक्ति की जरूरत है।