शिमला। हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्रों में महिलाओं और धर्म से जुड़े मुद्दे अहम हैं और दोनों दलों में 12 नवंबर को होने वाले महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों के लिए मतदाताओं को अपने पाले में करने की होड़ मची है। प्रदेश की आबादी में महिलाओं की हिस्सेदारी लगभग आधी (49 फीसदी) है। कांग्रेस ने शनिवार को ''हर घर लक्ष्मी, नारी सम्मान निधि'' अभियान शुरू किया है जिसके तहत 300 यूनिट मुफ्त बिजली के अलावा वयस्क महिलाओं को 1500 रुपये प्रतिमाह देने का वादा किया गया है। वहीं, भाजपा ने रविवार को महिला मतदाताओं के लिए एक समर्पित घोषणापत्र जारी किया, जिसे 'स्त्री संकल्प पत्र' कहा जा रहा है। महिलाओं के लिए समर्पित भाजपा के घोषणापत्र में स्कूली छात्रों के लिए साइकिल, कॉलेज छात्रों के लिए स्कूटी और बीपीएल परिवारों की लड़कियों की शादी के लिए 'शगुन' बढ़ाने का वादा किया गया है, जिसमें आर्थिक सहायता भी शामिल है।
''स्त्री शक्ति संकल्प'' में सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने का वादा किया गया है। दोनों दलों के घोषणापत्र में धर्म पर भी खासा ध्यान केंद्रित किया गया है, जिसमें भाजपा ने नयी दिल्ली, जयपुर, चंडीगढ़, मेरठ और मथुरा से 45 विशेष बस शुरू करके प्रमुख मंदिरों और शक्ति पीठों को जोड़ने के लिए ''हिम तीरथ'' सर्किट का वादा किया है। कांग्रेस ने पहली बार अपने घोषणापत्र में एक खंड ''देवस्थान और तीर्थ यात्रा'' को शामिल किया है। इस खंड में कांग्रेस ने सभी बुजुर्गों (एक सहायक के साथ) की पसंद के एक तीर्थस्थल के लिए मुफ्त तीर्थयात्रा के लिए भुगतान करने का वादा किया है। साथ ही राज्य-समर्थित मंदिरों में वार्षिक योगदान को दोगुना करने और मंदिर के पुजारियों को दोगुना वेतन देने का भी वादा किया गया है।