हिंदू, बौद्ध व मुस्लिम से पहले हम सभी मनुष्य हैं : दलाईलामा

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Update: 2022-07-25 17:59 GMT

धर्मशाला। दुनिया में लोग कई धर्मों को मानते हैं जो अच्छी बात है, लेकिन इससे पहले हम सभी एक मनुष्य हैं। हम बोलते हैं कि मेरा देश, मेरा धर्म, मेरा समुदाय, यह बातें एक समय तक अच्छी लगती हैं, लेकिन जब यह चीजें हद से ज्यादा बढऩे लगती हैं तो इससे हमेशा समस्याएं ही पैदा होती हैं। यह संदेश धर्मगुरु दलाईलामा ने लेह में थिकसे मोनैस्ट्री के अभिषेक समारोह में हजारों युवाओं को दिया। उन्होंने कहा कि हम किसी भी धर्म को मानें, लेकिन हम सभी पहले एक मनुष्य हैं। हम एक जैसा जन्म लेते हैं और मरते भी एक जैसे ही हैं। हम मां की कोक से जन्म लेते हैं और मां का दूध पीकर बड़े होते हैं। हम सभी की दो आंखें, दो कान और एक मुंह है, अगर हम किसी तीन आंख वाले व्यक्ति को देखें तो वह हमारे लिए अलग होगा। उन्होंने कहा कि वह जब कहीं भी जाते हैं तो हमेशा एकता की ही बात करते हैं, क्योंकि इस ग्रह पर रह रहे 7 अरब लोग एक जैसे ही हैं। उन्होंने कहा कि इस भरोसे के साथ जब वह कहीं भी जाते हैं तो लोग उनका प्रेम और दोस्ती के साथ स्वागत करते हैं।

मुझे कभी भी कोई व्यक्ति अपने से अलग नहीं लगा। धर्मगुरु दलाईलामा ने अपने संदेश में कहा कि किसी धर्म को मानो या न मानो, लेकिन हर व्यक्ति को दयालु होना चाहिए, इससे आपकी व आपके चाहने वालों की जिंदगी खुशहाल और स्वस्थ होगी। उन्होंने कहा कि हथियारों की मदद से नहीं बल्कि करुणा की मदद से एक सुखी और खुशहाल जीवन बनाया जा सकता है। दुश्मन हमेशा आपकी आंतरिक शक्ति के लिए सबसे अच्छा शिक्षक होता है। वह आपको कई चीजें सिखाता है और आपको मजबूत बनने में मदद करता है। दलाईलामा ने कहा कि चाइना का तिब्बत पर राजनीतिक कंट्रोल है पर आध्यात्मिकता में तिब्बत के लोग ज्यादा समझदार और मजबूत हैं। इसलिए अब चाइना के लोग भी तिब्बती धर्म को मानने लगे हैं और इस ओर अपनी रुचि दिखा रहे हैं। अंत में उन्होंने अपने संदेश में कहा कि किसी भी धर्म को मानो, लेकिन पहले यह जान लो कि आप एक मनुष्य हैं और मनुष्यों की एकता से ही सुखी और खुशहाल संसार बनता है।

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