हमीरपुर, 26 दिसंबर : जेओए आईटी भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र बेचने के मामले में विजिलेंस ने सोमवार को चौथे दिन भी सभी आरोपियों से अलग-अलग पूछताछ की। आयोग की गोपनीय शाखा में लगे सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग को भी कब्जे में लिया है। इस रिकॉर्डिंग से पता चलेगा कि वरिष्ठ सहायक उमा आजाद बंद कमरे में किस तरह पेपर लीक के गोरखधंधे को अंजाम देती थीं।
फिलहाल मुख्य आरोपी उमा आजाद, उसका बेटा निखिल आजाद, नौकरी नीरज कुमार, दलाल संजीव कुमार, अभ्यर्थी तनु शर्मा और अजय शर्मा सभी छह आरोपी न्यायालय से 28 दिसंबर तक पुलिस रिमांड पर चल रहे हैं। वहीं कर्मचारी चयन आयोग पेपर लीक का कांड में बड़ा खुलासा हुआ है। इस प्रकरण में दलाल संजीव कुमार एक डमी कोचिंग सेंटर चलाकर कर कर्मचारी चयन आयोग की भर्ती परीक्षाओं के पेपर को बेचने का कार्य कर रहा था।
विजिलेंस की प्रारंभिक छानबीन में यह बड़ा खुलासा हुआ है। अब विजिलेंस जिला मुख्यालय में स्थित टाइपिंग ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट और कोचिंग सेंटर के तमाम रिकॉर्ड को खंगालेगी। विजिलेंस की टीम ने इस कोचिंग सेंटर का रिकॉर्ड भी अपने कब्जे में ले लिया है और अब यहां पर टाइपिंग सीखने और कोचिंग लेने वाले तमाम स्टूडेंट से भी पूछताछ की जाएगी।
यह माना जा रहा है कि कोचिंग सेंटर का संचालक संजीव कुमार जोकि सरकाघाट का रहने वाला है। वह मुख्य आरोपी उमा आजाद के बेटे निखिल आजाद के साथ मिलकर पेपर के खरीदारों को तलाशता था। डील फाइनल होने के बाद ही कर्मचारी चयन आयोग के कर्मचारी उमा आजाद के जरिए पेपर की खरीद-फरोख्त को अंजाम दिया जाता था। माना यह भी जा रहा है कि एक-दो नहीं बल्कि कई परीक्षाओं के पेपर इन आरोपियों ने बेचे हैं ऐसे में अब जांच लंबी खींच सकती है।
इस कोचिंग इंस्टिट्यूट में कोचिंग लेने वाले विद्यार्थी हमीरपुर के अलावा अन्य कई जिलों के भी हैं। ऐसे में पेपर लीक मामले के तार प्रदेश भर के कई जिलों से जुड़ रहे हैं। अब विजिलेंस की टीम इस पहलू पर भी जांच कर रही है कि यह कोचिंग सेंटर कब से चल रहा था। अब तक कितने स्टूडेंट्स ने यहां से कोचिंग ली है और वर्तमान में उन स्टूडेंट्स का क्या स्टेटस है।