बिलासपुर: बिलासपुर की गोबिंदसागर झील में वाटर स्पोट्र्स और एयर स्पोट्र्स एक्टिविटीज शुरू करने को लेकर पर्यटन विभाग ने राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा है। उस ओर से हरी झंडी मिलने के बाद राज्य स्तर पर गठित तकनीकी कमेटी झील में स्पोट्र्स शुरू करने को लेकर संभावनाओं की तलाश करेगी कि झील में वाटर स्पोट्र्स के तहत क्या-क्या एक्टिविटीज शुरू की जा सकती हैं। फिर कमेटी की रिकोमेंडेशन के आधार पर ही आगे की कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जाएगा। झील में वाटर स्पोट्र्स एक्टिविटीज शुरू करने के लिए भाखड़ा व्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) की अप्रूवल ली जाएगी, जिसके लिए बाकायदा उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने बीबीएमबी के चेयरमैन से बात की है। उपायुक्त खुद इस योजना के प्रति गंभीर हैं। ऐसे में अब सरकार की अप्रूवल मिलने के बाद निर्धारित औपचारिकताएं पूरी करने का क्रम चलेगा।
टेक्निकल कमेटी की रिपोर्ट को सरकार की मंजूरी मिलने के बाद झील को एक्टिविटीज के लिए नोटिफाई किया जाएगा। प्रशासन ने झील में वाटर स्पोट्र्स एक्टिविटीज शुरू करने पर फोकस किया है, जिसके तहत श्रीनगर की डल झील की तर्ज पर यहां शिकारे, हाइटेक मोटरबोट्स व स्कूटर इत्यादि आरंभ करने की योजना है। उधर, पर्यटन विभाग के मंडी में कार्यरत उपनिदेशक मनोज कुमार ने बताया कि गोबिंदसागर झील में वाटर स्पोट्र्स व एरो स्पोट्र्स एक्टिविटीज शुरू करने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा है। उधर, जिला उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक का कहना है कि वाटर स्पोट्र्स एक्टिविटीज शुरू करने के लिए योजनावद्ध ढंग से काम किया जा रहा है। इसके अलावा बंदलाधार पर चिन्हित पैराग्लाइडिंग साइट को भी रेगुलर साइट घोषित करवाया जाएगा। (एचडीएम)
औहर में पर्यटन विभाग का बड़ा प्रोजेक्ट प्रस्तावित
कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन पर औहर में लगभग 25 करोड़ रूपए की लागत से टूरिज्म होटल निर्मित करने की योजना है। हालांकि होटल बनेगा या फिर कुछ और, इस पर अंतिम निर्णय अभी होना बाकी है। 13 बीघा जमीन भी पर्यटन विभाग के नाम स्थानांतरित हो चुकी है।