हिमाचल में पोस्टल बैलेट से होने वाली वोटिंग के दौरान हर साल हजारों वोट रिजेक्ट हो रहे

हिमाचल न्यूज

Update: 2022-11-06 07:31 GMT
शिमला
हिमाचल में पोस्टल बैलेट से होने वाली वोटिंग के दौरान हर साल हजारों वोट रिजेक्ट हो रहे हैं। यह वोट क्यों रिजेक्ट हो रहे हैं, इसका सबसे बड़ा कारण गलत जगह पर लगाई गई मुहर व गलत तरीके से बैलेट पेपर को फोल्ड करना हैं। हिमाचल विधानसभा चुनाव के अब तक के आंकड़ों पर नजर डाली जाए, तो ईवीएम से पहले पोस्टल बैलेट के जरिए जो मतदान हुआ, उसमें कुल वोट का लगभग 20 फीसदी वोट रिजेक्ट हुआ है। 1972 में जब पहली बार 68 विधानसभा क्षेत्रों के लिए चुनाव हुआ तो उस समय भी कुल वोटों में से करीबन 23506 वोट रिजेक्ट हुए।
साल 2007 में प्रदेश में पहली बार ईवीएम का प्रयोग हुआ, तो हालांकि यह आंकड़ा कुछ हद तक घटा है , लेकिन इससे पहले रिजेक्ट हुए वोटों की संख्या दस हजार से ऊपर ही रही है। ऐसे में हर वोटर को यह देखना जरूरी है कि वह सही मतदान करे। ईवीएम से होने वाली वोटिंग में वोट के रिजेक्ट होने का खतरा कम है, लेकिन पोस्टल बैलेट से अभी भी जो वोट डलते हैं उसके ग्राफ में कमी नहीं आ रही। प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए 12 नवंबर को मतदान होना है, लेकिन उससे पहले पोस्टल बैलेट के लिए मतदान प्रकिया चल रही है। ऐसे में पोस्टल बैलेट का चुनावों में हर साल असर देखने को मिलता है। वहीं हिमाचल प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी मनीष गर्ग ने बताया कि बेलेट पेपर से वोट रिजेक्ट होने का कारण गलत तरीके से लगाई गई स्टैंप व बेलेट पेपर को गलत तरीके से फोल्ड करना हैं। जगह से स्टैंप लगने के कारण यह पता नहीं लग पाता है कि मतदाता ने किसे वोट किया। (एचडीएम)
42 हजार करेंगे पोस्टल बैलेट से मतदान
विधानसभा चुनाव में 80 वर्ष से अधिक आयु, दिव्यांग तथा आवश्यक सेवाओं में तैनात 41139 मतदाता बैलेट पेपर से वोट करेंगे। मत पत्र से वोट डालने में सबसे अधिक रूचि 80 साल से ऊपर के मतदाताओं ने दिखाई है। 80 साल से ऊपर के 30856 मतदाताओं ने 12-डी फॉर्म भरकर संबंधित रिटर्निंग अधिकारी को सौंपा है। इसके अलावा दिव्यांग श्रेणी में पीडब्ल्यूडी मतदाता 8561 तथा आवश्यक सेवाओं में तैनात 1722 मतदाता हैं।
Tags:    

Similar News

-->