65 करोड़ की बढ़ी हुई लागत देगी राज्य सरकार, स्मार्ट सिटी के अटके प्रोजेक्ट होंगे पूरे
शिमला: राजधानी शिमला में बीच में फंसे स्मार्ट सिटी के करीब पांच प्रोजेक्ट्स को आखिरकार राहत मिल गई है। ये प्रोजेक्ट अतिरिक्त लागत बढऩे के कारण बीच में अटक गए थे। वजह यह थी कि भारत सरकार ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का बजट सील कर दिया थाए जबकि शिमला में शुरू किए गए काम जारी थे और इनकी लागत भी बढ़ गई थी। लागत बढऩे का सबसे बड़ा कारण जीएसटी बन गया थाए जिसका स्लैब बीच में बढ़ा दिया गया था। शिमला शहर में स्मार्ट सिटी के तहत ढली में टनल के अलावा ऐतिहासिक रिज मैदान के स्टेबलाइजेशन का भी काम चल रहा है। इसके अलावा लक्कड़ बाजार, बस स्टैंड और विकासनगर की पार्किंग समेत कुल पांच परियोजनाओं पर अतिरिक्त 65 करोड़ लागत बढ़ गई थी। क्योंकि स्मार्ट सिटी का बजट सील हो गया था, इसलिए यह सिर्फ पैसा नहीं मिल रहा था। शहरी विकास विभाग ने वित्त विभाग को भी इस बारे में कई बार फाइल भेजी। आखिरकार भारत सरकार से मिले 830 करोड़ के इंटरेस्ट फ्री लांग टर्म लोन से राज्य सरकार ने अब यह राशि जारी की है। इस कारण इन प्रोजेक्टों के अब कंप्लीट होने की उम्मीद बढ़ गई है।
शिमला शहर में स्मार्ट सिटी के तहत करीब 715 करोड़ के काम कुल हुए हैं और अब नए प्रोजेक्ट इसमें नहीं लिए जा रहे हैं। हालांकि शिमला नगर निगम, स्मार्ट सिटी और पीडब्ल्यूडी को मिलाकर अब भी कुछ लागत बढऩे का खतरा है। यही कारण है कि शहरी विकास विभाग अब भारत सरकार के अर्बन इन्फ्राट्रक्चर डिवेलपमेंट फंड से कुछ इंतजाम और करने में लगा है। शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव देवेश कुमार ने बताया कि फिलहाल स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट कंप्लीट होंगे और अतिरिक्त लागत का इंतजाम हो गया है। संबंधित एजेंसियों को कहा गया है कि अब इसके बाद कोई और कॉस्ट एस्क्लेशन न हो।