मनाली में छलका रूस और यूक्रेन के नागरिकों का दर्द, कहा-युद्ध नहीं शांति चाहिए
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पतलीकूहल। वशिष्ठ में अपने चेहरे पर रूस और यूक्रेन के टैटू गोद कर रह रहे दोनों देशों के नागरिकों ने यूक्रेन का डिफैंडर डे मनाया और युद्ध विराम की अपील की। युद्ध को लेकर भारत में रह रहे दोनों देशों के नागरिक दुखी हैं। आज मनाली की धार्मिक नगरी वशिष्ठ में एकत्रित होकर उन्होंने शांति का संदेश दिया। उन्होंने दोनों देशों को भारत द्वारा दिए गए शांति के साथ वार्ता के सुझाव को सराहा और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया। रूस के निवासी उज्ज्वला नीलमणि ने कहा कि इस संघर्ष से किसी का भी भला नहीं हो रहा है बल्कि हर नागरिक को दुख पहुंच रहा है। यूक्रेन के नागरिक आंद्रे ने कहा कि रूस और यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत ने हमेशा अपना पक्ष साफ रखा है। दोनों ही देशों को भारत ने हमेशा शांति के साथ वार्ता का सुझाव दिया है।
हमेशा विनाशकारी रहे हैं युद्ध : ओल्गा
रूस के नागरिक निकासी ने कहा कि इस संघर्ष से किसी का भी भला नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह संघर्ष दुनिया के एक बड़े हिस्से को नुक्सान पहुंचा रहा है क्योंकि इसकी वजह से लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी पर बहुत ही गलत तरह से असर पड़ रहा है। रूस की युवा निकास व वरवरा ने कहा कि रूस और यूक्रेन विवाद को सुलझाने के लिए कूटनीतिक और वार्ता के रास्ते पर लौटना होगा। यूक्रेन की महिला ओल्गा ने कहा कि युद्ध हमेशा विनाशकारी रहे हैं इसलिए नागरिकों के दर्द को देखते हुए युद्ध बंद कर देना चाहिए। फ्रांस की एलिना फिनिस्ट ने कहा कि दोनों देशों के लोग शांति से जीना चाहते हैं।