शिमला
सरकार द्वारा पिछले तीन सालों में खरीदी गई गाडिय़ों की सूचना न देने पर सदन में माहौल गर्म हो गया। इस मामले पर पक्ष व विपक्ष में काफी देर तक तकरार चलती रही। बाद में विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हो गया। दरअसल नेता प्रतिपक्ष ने एक सवाल में जानकारी मांगी थी कि पिछले तीन सालों में प्रदेश सरकार ने कितनी गाडिय़ों की खरीद की हैं, इसके लिखित जवाब में सरकार ने बताया कि सूचना एकत्र की जा रही है। ऐसे में सदन में सरकारी गाडिय़ों की खरीद की जानकारी नहीं देने पर नेता प्रतिपक्ष ने सरकार पर सूचना छिपाने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि आरटीआई से पहले जानकारी मिल रही है और सदन में जानकारी छिपाई जा रही है। इससे सदन की गरिमा को ठेस पहुंच रही है। उन्होंने स्पीकर से सरकार को फटकार लगाने का आग्रह किया। इस दौरान सदन में दोनों पक्षों में तकरार देखने को मिली। विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हो पाया।
हम लोगों का तालमेल बेहतर, आप लोग भी ऐसा कीजिए
गाडिय़ों की खरीद की सूचना न मिलने पर जब सदन में बहस हो रही थी तो उसी समय डिप्टी स्पीकर हंसराज विधानसभा अध्यक्ष से कुछ बात करने उनके आसन तक चले गए। इस पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि डिप्टी स्पीकर हर बार आपको बताने आते हैं। इस पर विधानसभा अध्यक्ष का जवाब था कि हम दोनों का तालमेल अच्छा हैं। आप लोग भी तालमेल बनाइए। वहीं, किन्नौर के विधायक ने डिप्टी स्पीकर के आसन के समीप जाकर हंसने पर सवाल उठाए। इसके जवाब में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि हंसना एक थेरेपी हैं। इसमें कोई बुराई नहीं हैं।
जानकारी जुटाई जा रही है
मुख्यमंत्री ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष की ओर से विस्तृत सूचना मांगी गई थी, इसलिए जानकारी इकट्ठी की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गाड़ी सरकारी उपयोग के लिए खरीदी जाती हैं। उन्होंने पुलिस, स्वास्थ्य, लोक निर्माण विभाग और अग्निशमन विभाग को गाडिय़ां दी हैं। इसमें सूचना छिपाने का कोई मतलब नहीं बनता।
जानकारी छिपा रही सरकार
सरकार की तरफ से जवाब नहीं मिलने पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह सवाल पिछले विधानसभा सत्र से ट्रांसफर होकर आया है। उन्होंने कहा कि सरकार इस जानकारी को छिपाने का प्रयास कर रही है। इस पर किन्नौर के विधायक ने कहा कि यदि सदन में जानकारी नहीं देनी, तो प्रश्नकाल को बंद कर देना चाहिए।