छात्रों का भविष्य दांव पर! ईआरपी सिस्टम फेल, चार महीने बाद भी रिजल्ट नहीं
शिमला
प्रदेश के कालेजों में यूजी के हजारों छात्र जो काफी समय से रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन अभी तक उनका रिजल्ट घोषित नहीं हो पाया है। एचपीयू में बुधवार को तीन दिन के लिए नैक की टीम दौरे पर आने वाली है। ऐसे में नैक की ग्रेडिंग पर भी इसका असर पड़ सकता है। परीक्षा के बाद 40 दिनों में छात्रों का रिजल्ट आए जाए इसके लिए छह साल पहले एचपीयू में ईआरपी सिस्टम लगाया गया था , लेकिन आज तक एचपीयू इस सिस्टम की खामियों को नहीं सुधार पाया है। इस पर आठ करोड़ रुपए खर्च किए गए थे। अब नतीजा ये है कि नैक की टीम जब एचपीयू का ग्रेड तय करेगी, तो उसमें रिजल्ट भी एक मानक रहेगा। ऐसे में इसका सीधा असर ग्रेडिंग पर पड़ सकता है।
वहीं, छात्रों की यूजी की परीक्षाएं बीते जुलाई माह में हुई थी और दावा किया जा रहा था कि 15 अक्तूबर तक हर हाल में परीक्षा परिणाम जारी कर दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। एचपीयू में एनुअल सिस्टम के तहत इस बार एचपीयू ने परीक्षा करवाई थी। इसमें 50 हजार छात्र बीए फस्र्ट ईयर के हैं, जबकि 45 हजार छात्र बीए सेेकंड ईयर के हैं। जुलाई माह में इन छात्रों की परीक्षा हुई थी और अब ये छात्र परीक्षा परिणाम का इंतजार कर रहे थे। एचपीयू ने ईआरपी सिस्टम भी लगाया था, लेकिन उसके बाद भी समय पर परिणाम नहीं निकले।
सिस्टम में खामियां
ईआरपी सिस्टम में छात्रों की रजिस्ट्रेशन और माइग्रेशन के कार्य भी आसानी से हो जाते हैं, लेकिन इस सिस्टम में भी अभी खामियां है। कारण है कि सिस्टम को चलाने के लिए एचपीयू के पास कुशल कर्मचारी नहीं हैं। वीसी ने भी कुछ समय पहले निर्देश जारी किए थे कि इस सिस्टम को दुरुस्त किया जाएगा और ब्रांचों में काम करने वाल गैर शिक्षक कर्मचारियों को ट्रेंड किया जाएगा।
ऐसे परिणाम लेट
इस बार परीक्षा परिणाम समय पर घोषित न होने का कारण समय पर उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य पूरा न होना रहा है। बीते मई व जून माह में शिक्षकों द्वारा 7वां यूजीसी वेतनमान जारी करने की मांग को लेकर आंदोलन चलाया गया और आंदोलन के तहत शिक्षकों ने उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार भी कर रखा था। विश्वविद्यालय व कालेजों के शिक्षक आंदोलनरत थे और इस कारण यूजी व पीजी के परीक्षा परिणाम घोषित करने में देरी हो गई है।