ग्रीन कवर मिशन में 257 हेक्टेयर पर रोपे जाएंगे पौधे, हिमाचल की उजाड़ पहाडिय़ों पर उगेंगे जंगल

Update: 2023-07-28 15:43 GMT
शिमला
हिमाचल में वन विभाग अगस्त की शुरुआत के साथ ही पौधारोपण अभियान का आगाज करेगा। इस बार दो तरफा अभियान छेडऩे का प्लान विभाग ने तैयार किया है। इनमें एक तरफ खाली पड़ी जमीन पर पौधे रोपे जाएंगे। यह अभियान मुख्यमंत्री ग्रीन कवर मिशन के तहत चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत 257 हेक्टेयर भूमि का चयन किया गया है। हालांकि इन 257 हेक्टेयर में कितने पौधे रोपे जाएंगे, यह फिलहाल तय नहीं है। राज्य सरकार ने ग्रीन कवर मिशन में 15 वन मंडलों का चयन किया है। इनमें उन पहाडिय़ों को प्राथमिकता दी गई है, जहां जमीन खाली नजर आने लगी है और तेजी से जंगल कम हुए हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए बजट सत्र के दौरान ही यह लक्ष्य तय कर दिया था। अब वन विभाग इस लक्ष्य को पूरा करेगा। वन विभाग बरसात के दौरान यहां पौधे लगाएगा और संबंधित क्षेत्र के वन मंडल अधिकारी समेत ब्लॉक ऑफिसर और रेंज ऑफिसर को पौधों की सुरक्षा का दायित्व सौंपा जाएगा। जो अधिकारी इन पौधों को बचाने में कामयाब रहे, उन्हें राज्य सरकार प्रोत्साहन भी देगी। कुल्ल, नाहन, सोलन और किन्नौर समेत अन्य वन मंडलों में भूमि का चयन कर लिया गया है।
इनमें कुल्लू में 30, नाहन और सोलन में 25-25, किन्नौर में 20 और पार्वती में 22 हेक्टेयर भूमि चयनित की गई है। वन विभाग ने भूमि चयन के बाद राज्य सरकार को इसकी जानकारी भेज दी है। गौरतलब है कि वन विभाग पूर्व में दस हजार हेक्टेयर भूमि पर एक करोड़ पौधे रोपता रहा है। इस बार विभाग राज्य सरकार के मिशन ग्रीन कवर में पौधारोपण का लक्ष्य तय होने के बाद अपना टारगेट तय करेगा। वन विभाग ने 10 हजार हेक्टेयर पर अलग से पौधारोपण का फैसला लिया है। पहली अगस्त से विभाग वन महोत्सव के तहत इन क्षेत्रों में पौधारोपण अभियान का आगाज होगा। प्रधान मुख्य अरण्यपाल राजीव कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री ग्रीन कवर योजना के अलावा वन विभाग करीब 10 हजार हेक्टेयर भूमि पर अलग से पौधारोपण करेगा। इस बार अभियान पहली अगस्त से शुरू होगा। ग्रीन कवर मिशन में पौधारोपण का लक्ष्य तय होने के साथ अभियान की शुरुआत होगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इस बार पौधारोपण अभियान की शुरूआत करेंगे और इस अभियान को समूचे प्रदेश में चलाया जाएगा। खासतौर पर 15 वन मंडल के 257 हेक्टेयर क्षेत्र में अलग से पौधे रोपे जाएंगे।
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