मंडी। जेबीटी यूनियन सदस्य सबीर खान ने कहा कि हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड की ओर से हाल ही में जेबीटी टैट में बीएड डिग्री धारियों को भी पात्र माना गया है और इसके लिए आवेदन मांगे गए हैं जोकि सीधा-सीधा डीएलएड प्रशिक्षुओं के खिलाफ है। जेबीटी टैट में बीएड को लाने से जेबीटी/डीएलएड के हक को छीना जा रहा है। एक ओर तो शिक्षा बोर्ड धर्मशाला खुद ही डीएलएड कोर्स करवा रहा है और दूसरी ओर दोगला रवैया अपनाते हुए बीएड डिग्रीधारकों को जेबीटी टैट में मान्य कर जेबीटी के अधिकारों को कुचल रहा है, जिसके विरोध स्वरूप वीरवार को पांचवें दिन भी जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान मंडी के प्रशिक्षुओं सहित जिले के 4 अन्य निजी संस्थानों (जागृति काॅलेज ऑफ एजुकेशन, अभिलाषी काॅलेज ऑफ एजुकेशन, करिश्मा कालेज ऑफ एजुकेशन, विजय मैमोरियल काॅलेज ऑफ एजुकेशन) जेबीटी टैट में बीएड डिग्रीधारियों को भी पात्र माने जाने के विरोध में सेरी मंच पर धरने प्रदर्शन को जारी रखे हुए हैं और कक्षाओं का बहिष्कार भी पूर्ण रूप से जारी है।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि धरना-प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा, जब तक जेबीटी विरोधी फैसले को वापस नहीं लिया जाता। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग की यू-डाइस रिपोर्ट 2021-22 के आधार पर सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की कमी साफ दिख रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग जेबीटी टैट से बीएड को जल्द बाहर करे और स्कूलों में रिक्त पड़े जेबीटी पदों को भरे या प्रदेश में चल रहे जेबीटी शिक्षण संस्थानों को ही बंद कर दे, जिससे आगे चल कर किसी और प्रशिक्षु का शोषण तो न हो। इस मसले पर यूनियन आगे भी प्रशिक्षुओं को एकजुट करते हुए निर्णायक लड़ाई लड़ेगी।