शिमला। हिमाचल में कर्मचारियों के सबसे बड़े महासंघ (अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ) पर काबिज होने के लिए कर्मचारी राजनीति गरमाने लगी है। इसी कड़ी में प्रदेश के विभिन्न कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों की राज्य स्तरीय बैठक रविवार को निगम विहार शिमला में हुई। इस मौके पर सभी पदाधिकारियों ने एक स्वर में कहा कि प्रदेश में कर्मचारियों की विभिन्न समस्याओं को सरकार के समक्ष उठाने तथा उनका समाधान करवाने के लिए एक मजबूत कर्मचारी महासंघ की जरूरत है। पदाधिकारियों का कहना था कि जब से वर्तमान सरकार का गठन हुआ है, तब से अभी तक अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ प्रदेश में बिल्कुल भी सक्रिय नहीं है। एनपीएस कर्मचारी महासंघ के राज्य अध्यक्ष एवं वन राजपत्रित कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बैठक में पदाधिकारियों ने कहा कि प्रदेश में जो कर्मचारी संगठन काम कर रहा था, उसका कार्यकाल पूरा हो चुका है। इसलिए कर्मचारियों ने नए सिरे से प्रदेश में एक मजबूत अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के गठन की आवश्यकता जताई है। प्रदीप ठाकुर ने कहा कि विभिन्न जिला से आए कर्मचारियों ने एकमत में कहा कि कर्मचारी महासंघ की मजबूती के लिए प्रदेश में सदस्यता अभियान चलाए जाने के पश्चात ब्लॉक, जिला और राज्य स्तरीय चुनाव की प्रक्रिया अमल में लाई जाए।
एक मजबूत संगठन का गठन किया जा सके। ऐसे में बैठक में निर्णय लिया गया है कि 1 से 15 जुलाई के बीच ब्लॉक स्तर पर चुनाव की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इसके साथ ही 16 से 31 जुलाई तक सभी जिला के चुनाव होंगे और 15 अगस्त से पहले राज्य कार्यकारिणी का गठन कर दिया जाएगा। प्रदीप ठाकुर ने कहा कि महासंघ के गठन का उद्देश्य कर्मचारियों की समस्याओं को सरकार के समक्ष उठाना और उनका हल करवाना है। इस मौके पर राजेंद्र मन्हास, विशाल शर्मा, लेखराज, अशोक ठाकुर, सुनील जरियाल, शमशेर सिंह, सुदेश तोमर, रजनीश ठाकुर, अमर चंद, बलदेव, सुनील तोमर, प्यारे लाल, रजनीश, सुनील शर्मा, वीरेंद्र शर्मा व धर्मेंद्र सिंह सहित अन्य पदाधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ जिला कुल्लू के अध्यक्ष अमर चंद ने प्रस्ताव पेश किया कि सौरव वैद्य को प्रदेश संयोजक का दायित्व सौंपा जाए। ऐसे में पूरे हाऊस ने खड़े होकर इस प्रस्ताव का समर्थन किया और सर्वसम्मति से सौरभ वैद्य को प्रदेश संयोजक नियुक्त किया गया । इसके साथ ही उन्हें सभी जिला संयोजक की नियुक्ति करने के साथ ही प्रदेश स्तर पर चुनाव व सदस्यता अभियान की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। प्रदेश में ओपीएस को बहाल करने की लड़ाई लड़ने में एनपीएस कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष प्रदीप ठाकुर की अहम भूमिका रही। ऐसे में माना जा रहा है कि वह अब अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष पद को लेकर दावेदारी पेश कर सकता है। विशेष है कि अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ को सरकार मान्यता देती है। ऐसे में जिस भी धड़े के महासंघ को सरकार मान्यता देगी, वही सरकार के साथ जेसीसी बैठक में भाग लेने के लिए पात्र होगा। कुछ अन्य कर्मचारी धड़े भी महासंघ के नए सिरे से गठन को लेकर अंदरखाते सक्रिय हैं।