हमीरपुर: मैं बिकाऊ नहीं हूं. किसी के बहकावे (Rajinder Rana in Hamirpur) और दबाव में आकर में कांग्रेस छोड़ने वाला नहीं हूं. सोशल मीडिया में ऐसी अफवाहें फैलाने वाले खुद को नियंत्रण में रखें. पिछले पांच दिनों से सुजानपुर विस क्षेत्र में अपनी जनता के बीच हूं. भाजपा के किसी नेता न मुझसे संपर्क किया और न ही किसी में मुझसे संपर्क करने की हिम्मत है. हिमाचल कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष व विधायकों के भाजपा का दामन थामने पर प्रदेश कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र राणा ने यह प्रतिक्रिया दी है. हमीरपुर में वह वीरवार को प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे.
प्रेसवार्ता की शुरूआत में उन्होंने प्रदेश सरकार को (Rajinder Rana pc in hamirpur) जमकर घेरा. उन्होंने जयराम सरकार को दिल्ली हाईकमान की कठपुतली करार दिया. भाजपा में शामिल होने की चर्चाओं पर राणा ने कहा कि आखिर कौन लोग हैं जो इस तरह की चर्चाएं फैला रहे हैं. भाजपा में जाने का प्रश्न ही पैदा नहीं होता है. यदि कोई बिना तथ्यों के इस तरह की अफवाहें फैलाएगा तो उनके खिलाफ कोर्ट में जाने से पीछे नहीं हटेंगे. यदि किसी के पास सबूत है कि वह दिल्ली गए थे वह सबके सामने रखे.
राणा ने कहा कि न वह हमीरपुर छोड़ कर गए और न ही भाजपा ने उनसे संपर्क किया है. उनका भाजपा से कोई लेना देना नहीं है वह कांग्रेस में और कांग्रेस में ही रहेंगे. यदि कोई गलत खबरे छापेगा तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. सोशल मीडिया में इस तरह की चर्चाएं चलाने वाले लोग सुधर जाएं. राजेंद्र राणा ने दावा किया है कि भाजपा के कई लोग कांग्रेस में शामिल हुए हैं और अभी पिक्चर बाकी है. कई नेता भविष्य में कांग्रेस पार्टी का दामन थामेंगे. जहां पर कांग्रेस के विधायक पार्टी को छोड़ कर गए हैं वहां पर जिताउ उम्मीदवारों को पार्टी मैदान में टिकट देगी और जीत हासिल करेगी.
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री के टिकट आवंटन में (Rajinder Rana on OPS) गड़बड़ी होने पर कांग्रेस की राजनीति छोड़ने वाले बयान पर राजेंद्र राणा ने कहा कि इस अग्निहोत्री जबाव दे सकते हैं. उन्होंने किस भाव और संदर्भ में यह बयान दिया है इस पर वही बेहतर जबाव दे सकते हैं. हिमाचल कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू और जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह की सुंदरनगर में बंद कमरे में मुलाकात पर उन्होंने कहा कि इस तरह की मुलाकतें होती रहती हैं. विधायक अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर मंत्री और मुख्यमंत्री से मिल सकते हैं. ओपीएस के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी का स्टैंड स्पष्ट है कि सरकार बनते ही दस दिन के भीतर पुरानी पेंशन योजना हिमाचल में बहाल की जाएगी. पहली कैबिनेट बैठक में कांग्रेस पार्टी कर्मचारियों की इस मांग को पूरा करेगी इसमें कोई संशय नहीं हैं.