अब महज 34 मीटर ही शेष रहा निर्माण कार्य, इस माह ब्रेक-थू्र होंगी मल्यावर-थापना टनल

Update: 2022-08-13 07:22 GMT
बिलासपुर
निर्माणाधीन किरतपुर-नेरचौक फोरलेन पर मल्यावर व थापना टनल का कार्य अब महज 34 मीटर ही शेष रह गया है। उम्मीद है कि इस महीने के अंत तक यह कार्य पूरा कर लिया जाएगा और इसके बाद अगले चार माह तक टनल को भीतर से टिकाऊ एवं मजबूत बनाने के लिए लाइनिंग का कार्य किया जाएगा। इसके साथ ही ब्रिज निर्माण की प्रक्रिया भी जारी है। मंडी भराड़ी के पास फोरलेन का पुल बनकर तैयार है, जबकि कुछ पुलों के निर्माण की कवायद भी चल रही है। इस लिहाज से दिसंबर, 2022 में ही फोरलेन का कार्य पूरा करने के लक्ष्य के साथ कंपनी आगे बढ़ रही है। वैसे कंपनी को फोरलेन का कार्य 2024 तक पूरा करने का टारगेट मिला है। कैंचीमोड़ से लेकर मंडी जिला के भवाणा तक निर्माणाधीन पांच में से तीन टनल ब्रेक-थ्रू हो चुकी हैं, जबकि दो टनल का कार्य तेज गति से जारी है। 1265 मीटर लंबी टीहरा व 465 मीटर लंबी थापना टनल का कार्य अब केवल 34 मीटर ही शेष रह गया है।
बरसात का दौर जारी होने की वजह से कार्य में विलंब हो रहा है, अन्यथा अगस्त के शुरुआत में ही टनल बनकर तैयार होती। इसी वर्ष के अंत में दिसंबर माह तक सभी पांचों टनल व 22 ब्रिज के निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए निर्माता कंपनी दिन-रात काम कर रही है। फरवरी, 2024 के निर्धारित लक्ष्य के मुकाबले 31 दिसंबर, 2022 तक फोरलेन का कार्य पूरा करने के लिए कंपनी पुरजोर तरीके से डटी हुई है। पिछले दिनों उपायुक्त पंकज राय ने निर्माता कंपनी गाबर कंस्ट्रक्शन के महाप्रबंधक कर्नल बीएस चौहान के साथ मल्यावर टनल का विजिट किया है। कर्नल बीएस चौहान का कहना है कि थापना व मल्यावर टनल का काम जोरों पर चला है और इस माह के अंत तक दोनों टनल ब्रेक-थ्रू हो जाएंगी। उधर, बिलासपुर के उपायुक्त पंकज राय ने कहा कि यहां बता दें कि एनएचएआई की ओर से हरियाणा की गाबर कंस्ट्रक्शन कंपनी को दो हजार करोड़ का टेंडर अवार्ड किया है। फोरलेन पर कैंचीमोड़ से लेकर मंडी की सीमा भवाणा तक का कार्य गाबर के हवाले है, जिस पर 22 ब्रिज और पांच टनल निर्माणाधीन हैं। वहीं इस माह के अंत तक दोनों टनल ब्रेक-थ्रू करने का लक्ष्य है। (एचडीएम)
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