पंचतत्व में विलीन हुए शहीद अरविंद कुमार, पत्नी ने लाल जोड़े में दी अंतिम विदाई
काँगड़ा। राजौरी में आतंकी हमले में शहीद हुए हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले की मरहूं पंचायत के सूरी गांव के अरविंद कुमार पंचतत्व में विलीन हो गए। शहीद अरविंद कुमार सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। अरविंद के बड़े भाई ने ही उनकी चिता को मुखाग्नि दी। सैंकड़ों लोगों ने नम आंखों से शहीद अरविंद को अंतिम विदाई दी।
अरविंद कुमार के अंतिम दर्शनों के लिए आसपास के गांवों के भारी संख्या में लोग पहुंचे। इससे पहले, शनिवार शाम को शहीद अरविंद कुमार की पार्थिव देह को पालमपुर के होलटा मिलिट्री स्टेशन लाया गया और रविवार को सुबह शहीद की पार्थिव देर पैतृक गांव पहुंची। जैसे ही उनका शव घर पहुंचा तो चारों तरफ चीख पुकार मच गई। मां बेटे को तिरंगे में लिपटा देख बिलख पड़ी तो पत्नी के आंसू देख कर हर आंख नम हो गई। शहीद की पत्नी ने लाल जोड़े में पति को अंतिम विदाई दी। अरविंद कुमार के पिता को नहीं पता है कि उनका बेटा अब इस दुनिया में नहीं है। पिता उज्ज्वल सिंह घर के एक कोने में पड़े हुए हैं। वह घर पर आने जाने वाले हर आदमी को एकटक लगाकर देख रहे हैं।
उन्हें कुछ भी सुध नहीं है। शहीद अरविंद के पिता उज्ज्वल सिंह लोक निर्माण विभाग में कार्य करते थे। करीब आठ साल पहले वह सेवानिवृत हो गए। सेवानिवृति के दो सालों के भीतर ही वह अपना मानसिक संतुलन खो बैठे और उनकी याददाश्त चली गई है।
अरविंद ने अपने पिता के इलाज में कोई कसर नहीं छोड़ी और सेना के कई अस्पतालों में उनका ईलाज करवाया। चिकित्सकों ने अरविंद को बताया था कि उनके पिता की याददाश्त चली गई है और ऐसे में अब वह चमत्कार से ही वापस आ सकती है। अरविंद के परिवार में मां के अलावा एक बहन, बड़ा भाई भी है। अरविंद की दो बेटियां हैं।