शिमला। हिमाचल प्रदेश में बिना कोई भी एमओयू साईन किए अदानी के सीए स्टोर चल रहे हैं। मंगलवार को विधानसभा में प्रश्नकाल में अदानी का मामला गूंजा, जिसे राठौर ने सवाल के माध्यम से उठाया। राठौर ने कहा कि अदानी ने जब सीए स्टोर स्थापित किए, उस समय सरकार ने उनका पूरा सहयोग किया था तथा उन्होंने भी बागवानों की सहायता का पूरा भरोसा दिया था लेकिन अब हुआ इससे उलटा। अब प्रदेश की 5000 करोड़ रुपए की सेब आर्थिकी अडानी के कंट्रोल में आ गई है। पहले सेब सीजन शुरू होते ही अडानी दाम तय कर देता था लेकिन अब सेब सीजन शुरू होने पर वह चुप रहते हैं लेकिन सीजन के बीच में वह आकर दाम तय करते हैं, जिससे दाम गिर जाते हैं। उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि एक किराएदार के साथ भी एमओयू किया जाता है लेकिन अडानी के साथ कोई भी एमओयू नहीं किया।
कुलदीप राठौर ने सरकार से अडानी के साथ एमओयू करने तथा बागवानों का शोषण बंद करने की मांग की। उन्होंने कहा कि किसानों व बागवानों के साथ शोषण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस दौरान विधायक हरीष जनार्था ने दाम तय करने के लिए एक नियंत्रण प्रणाली की आवश्यकता पर बल दिया। इसके जवाब में बागवानी मंत्री ने कहा कि हिमाचल में अडानी समूह द्वारा 3 सीए स्टोर स्थापित किए गए हैं। राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड द्वारा अदानी समूह को 1598.79 लाख रुपए की अनुदान राशि नाबार्ड के माध्यम से प्रदान की गई है लेकिन इस संदर्भ में कोई भी एमओयू हस्ताक्षरित नहीं किया गया है। विधायक केवल सिंह पठानिया के सवाल के जवाब में बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि विकास खंड रैत को बागवानी परियोजनाओं में शामिल नहीं किया गया है। उन्होंन कहा कि एचपी शिवा प्रोजैक्ट का कार्य 6000 हैक्टेयर भूमि में किया जाना है। रैत विकास खंड को भी इसमं शामिल करने पर विचार किया जाएगा। विधायक सुरेंद्र शौरी के सवाल के जवाब में उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि बंजार विधानसभा क्षेत्र में कलवारी पलाच पेयजल योजना का 70 फीसदी कार्य पूरा कर लिया है तथा इस कार्य को पूर्ण करने के लिए 28.02 लाख रुपए की राशि की आवश्यकता है। इस राशि को जल्द ही उपलब्ध करवा दिया जाएगा।