हिमाचल में अब 3 बार दवाओं के सैंपल फेल होने पर उद्योग होंगे सील: धनीराम शांडिल
सोलन। प्रदेश में अब लगातार 3 बार दवाओं के सैंपल फेल होने पर उद्योग सील होंगे। स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने पंजाब केसरी में प्रकाशित खबर का संज्ञान लेते हुए कहा कि ऐसे उद्योगों को अब बख्शा नहीं जाएगा जिनकी दवाओं के बार-बार सैंपल फेल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि लगातार 2 बार दवाओं के सैंपल फेल होने पर उद्योग का लाइसैंस रद्द होगा और तीसरी बार सैंपल फेल होने पर उद्योग को सील किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस प्रकार का गिरोह सक्रिय है जो पैसा कमाने के चकी में लोगों की जिंदगियों के साथ खिलवाड़ कर रहा है। पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में उन्होंने कहा कि दवाओं की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। विदित रहे कि पंजाब केसरी ने 5 महीने में प्रदेश में बनी 78 दवाओं के सैंपल फेल होने की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था।
केन्द्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन के पिछले एक वर्ष के आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो 22 उद्योगों की दवाओं के बार-बार सैंपल फेल हुए हैं। इन उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर कारण बताओ नोटिस ही जारी नहीं हुआ है। इनमें से एक भी उद्योग सील नहीं हुआ है। यही नहीं, पिछले 5 महीने में ही प्रदेश में बनी 78 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं। दवाओं के लगातार फेल हो रहे सैंपल के चलते देश में ही नहीं बल्कि विश्वभर में प्रदेश की छवि को भारी नुक्सान हो रहा है। प्रदेश में सबसे अधिक दवाओं को उत्पादन बीबीएन में होता है। पिछले एक वर्ष के आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो 22 ऐसे उद्योग हैं जिनकी दवाओं के सैंपल बार-बार फेल हुए हैं। इसमें आधा दर्जन से अधिक ऐसे उद्योग हैं जिनकी 3 से 4 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं। ऐसे भी उद्योग हैं जिनकी दवाओं के पिछले कई वर्षों से हर वर्ष एक नहीं बल्कि 2 या 3 बार सैंपल फेल हो रहे हैं।