नाहन। प्रदेश में करीब 4300 करोड़ रुपए के बहुचर्चित कर और कर्ज घोटाले में फंसी इंडियन टैक्नोमैक कंपनी की अगली नीलामी जून माह में होगी। जिले के पांवटा साहिब के तहत जगतपुर में स्थित इंडियन टैक्नोमैक कंपनी परिसर में नीलामी की तारीख 27 जून निर्धारित की गई है। इससे पहले हाईकोर्ट के निर्देशों पर कंपनी के कुछ लॉट की नीलामी जनवरी माह में 6,36,23,651 रुपए में की गई थी। हाईकोर्ट की ओर से पुष्टि किए जाने के बाद सफल बोलीदाता ने 100 प्रतिशत अग्रिम भुगतान जमा किया। इसके बाद प्राधिकृत अधिकारी ने संपूर्ण राशि एफडीआर के रूप में हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के नाम पर जमा करवा दी है।हाईकोर्ट ने पूर्व के आदेश 18 दिसम्बर, 2022 के संदर्भ में कंपनी की शेष संपत्तियों की नीलामी करने के लिए प्राधिकृत अधिकारी को निर्देश दिया है। उक्त आदेशों के अनुपालन में प्राधिकृत अधिकारी ने नीलामी के लिए 27 जून की तिथि निर्धारित की है। राज्य कर एवं उत्पाद शुल्क विभाग दक्षिण प्रवर्तन क्षेत्र परवाणु के सह संयुक्त आयुक्त एवं प्राधिकृत अधिकारी जीडी ठाकुर ने बताया कि कंपनी के हदबस्त नंबरों के अनुसार जमीन के लॉट (06) नंबर तय किए गए हैं, जबकि शेष वाहनों की नीलामी की जाएगी। इसके अलावा फिक्स्ड एसैट्स और प्लांट व मशीनरी के लॉट और सबलॉट तैयार किए गए हैं।
ताकि कुछ करोड़ से लेकर 5-6 करोड़ मूल्य के छोटे खरीददार अधिक से अधिक बोली लगाने के विकल्प के साथ सक्षम हो सकें। उन्होंने बताया कि टैंडर बुक और उक्त नीलामी के संपूर्ण नियमों और शर्तों वाले ब्रोशर के अनुसार कंपनी परिसर में संपत्तियों के निरीक्षण की सुविधा के साथ लॉट्स और उनके मूल्यों का विवरण उपलब्ध करवाया जाएगा। निविदा पुस्तक 1 मई, 2023 से प्राधिकृत अधिकारी सह संयुक्त आयुक्त दक्षिण प्रवर्तन जोन परवाणू के कार्यालय में उपलब्ध होगी। यह नीलामी हाईकोर्ट की ओर से सूचीबद्ध हितधारकों के सहयोग से प्राधिकृत अधिकारी द्वारा आयोजित की जाएगी। जनवरी माह में हुई नीलामी प्रक्रिया के दौरान पूरी कंपनी को खरीदने के लिए कोई भी बड़ा खरीददार नहीं मिला था। नीलामी में छोटे-छोटे सब लॉट के खरीददार ही पहुंचे थे। नतीजतन 6,36,23,651 रुपए के कुछ सब लॉट्स ही नीलाम हुए थे। विभाग ने कंपनी की नीलामी के लिए 2 ऑप्शन्स तैयार की थीं। पहली ऑप्शन में कोई एक या दो बड़े खरीददार पूरी कंपनी खरीद लें। यदि कोई बड़ा खरीददार नीलामी में नहीं आता है तो इस स्थिति में छोटे-छोटे सबलॉट्स बनाकर कंपनी के अंदर के सामान को अलग-अलग बेचा जाए। इसलिए विभाग की ओर से कंपनी के 11 सबलॉट्स बनाए गए थे। इन्हीं में से 5 सबलॉट्स पिछली नीलामी में नीलाम हुए। बता दें कि इंडियन टैक्नोमैक कंपनी ने 2008 से 2014 तक 2175 करोड़ रुपए की वैट चोरी की थी, जिसे वर्ष 2014 में राज्य कर एवं आबकारी विभाग की इंटैलीजैंस यूनिट की टीम ने पकड़ा था। कंपनी के प्रबंधकों ने धोखाधड़ी कर एक दर्जन बैंकों से भी 1600 करोड़ का कर्ज लिया हुआ था। इसके अतिरिक्त आयकर विभाग, श्रम विभाग, ईपीएफ और बिजली बोर्ड की भी देनदारियां हैं। 2014 में सील की गई इस कंपनी ने कुल मिलाकर करीब 4300 करोड़ रुपए के घोटाले को अंजाम दिया है।