भारत बहुत मेहमानबाज रहा, धर्मगुरु दलाईलामा बोले- यह दुनिया हमारा एकमात्र घर
तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा
धर्मशाला:
तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा ने कहा कि हमें यह याद रखना होगा कि यह दुनिया हमारा एकमात्र घर है। ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव एक अलग मामला है, लेकिन यह दुनिया एक सुखद जगह है। उन्होंने कहा कि मैंने अपना देश खो दिया, लेकिन भारत बहुत मेहमानबाज रहा है। मैं यहां और अन्य जगहों पर अन्य लोगों से मिला हूं और देखा है कि मनुष्य के रूप में हम शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से एक जैसे हैं। उन्होंने कहा कि मैं एक शरणार्थी हूं। मैंने अपना देश खो दिया, लेकिन हम जहां भी हैं, फिर भी हम इनसान हैं। धर्मगुरु अनुकंपा नेतृत्व शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन गुरुवार को मकलोडगंज स्थित अपने निवास स्थान पर विश्व भर से आए युवा नेताओं को संबोधित कर रहे थे। दलाईलामा ने कहा कि जब मैं किसी को देखकर मुस्कुराता हूं, तो वे लगभग हमेशा मुस्कुराते हैं। इंटरनेट, टेलीविजन और रेडियो के माध्यम से हम बाकी दुनिया के संपर्क में रह सकते हैं। पूरी आबादी हमारा समुदाय बन गई है और सात से आठ अरब मनुष्य हमारे परिवार का हिस्सा बन गए हैं।