शिमला. परवाणु से शिमला तक फोरलेन निर्माण का कार्य चल रहा है, लेकिन इसका खामियाजा उन लोगों को भुगतना पड़ रहा है जो इस फोरलेन के किनारे पर रह रहे हैं. बरसात आने पर जहां एक ओर मिट्टी का मलवा उनके घर में घुस रहा है वहीं दूसरी ओर बरसात का पानी सड़कों से होते हुए उनके घरों में जाकर कहर ढा रहा है. हद तो यह है कि शिकायत पर सुनवाई भी न के बराबर हो रही है. लोग शिकायत करते रह जाते हैं और मकान उनके सामने ढहने लग जाता है, जिसकी वजह से वह अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.
ऐसा ही मामला सोलन के अंजी में देखने को मिल रहा है जहां एक वृद्ध दंपति अपने ही घर में अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. फोरलेन की ढलान उनके घर की तरफ है. जिसकी वजह से सड़क का पानी नाले के रूप में उनके घर में घुस रहा है. जिसकी वजह से बारिश शुरू होते ही बच्चों को बरामदे में बिठा कर रात गुजारनी पड़ती है ताकि कोई अनहोनी न हो जाए. घर में दरारें पड़नी आरम्भ हो चुकी हैं.
वृद्ध महिला कांता देवी और घर में रहने वाले किराए दारों ने बताया कि उनके बेटे की मौत हो चुकी है. वह अपने वृद्ध पति और बच्चों के साथ घर में रहती है. बारिश का पानी उनके घर में काफी समय से घुस रहा है जिसकी वजह से उनके घर में दरारें पड़ चुकी हैं, जिसका जिम्मेवार वह एनएचएआई के अधिकारियों को मानती है. क्योंकि उन्होंने सड़क की सारी ढलान उनके घर की तरफ कर दी है.