शिमला। हिमाचल में केंद्र व प्रदेश सरकार के सरकारी आदेशों के बाद 15 साल पुराने सरकारी वाहनों के पंजीकरण रद्द होना शुरू हो गए हैं। एच.आर.टी.सी. की 167 बसों की परिवहन विभाग ने आर.सी. रद्द कर दी है। ऐसे में अब ये बसें सड़कों पर नहीं चलेंगी। इन बसों को फि लहाल खड़ा करना पड़ेगा, बाद में सरकार की स्कै्रप पॉलिसी बनने के बाद इन्हें स्क्रैप यानी नष्ट किया जाएगा। केंद्र सरकार ने 15 साल पुराने सरकारी वाहनों को लेकर एक आदेश जारी किया है। इस आदेश के अनुसार जो डीजल वाहन 15 साल की अवधि पूरी कर चुके हैं वे वाहन अब सड़कों पर नहीं चलेंगे। ऐसे में पहले ही चरण में एच.आर.टी.सी. की 167 बसों की आर.सी. रद्द हो गई है। 167 बसों के कम होने से एच.आर.टी.सी. के बेड़े में बसें कम हो गई हैं, हालांकि इनकी कमी को पूरा करने के लिए एच.आर.टी.सी. ने 125 नई डीजल बसों की खरीद की है। वहीं 75 छोटी इलैक्ट्रिक बसों के लिए टैंडर जारी कर दिए गए हैं। जल्द ही इन बसों की भी खरीद कर ली जाएगी। इन्हें चलाने के लिए एच.आर.टी.सी. ने रूट भी चिहिन्त कर लिए हैं। इसके अलावा 225 बड़ी बसों की खरीदने की तैयारी भी चल रही है। इन बसों को चलाने के लिए एच.आर.टी.सी. प्रबंधन द्वारा रूट चिहिन्त किए जा रहे हैं।
रूट चिहिन्त होने पर इन बसों को खरीदने के लिए टैंडर जारी कर दिए जाएंगे। निगम अधिकारियों का कहना है कि पहले चरण में 167 बसों की आरसी रद्द हुई है। आने वाले समय में जिन बसों की अवधि 15 वर्ष की हो जाएगी उनकी आर.सी. ऑटोमैटिक ही रद्द हो जाएगी। परिवहन विभाग की ओर से उनकी आर.सी. को रिन्यू नहीं किया जाएगा। एच.आर.टी.सी. के बेड़े में अभी तक कुल 3132 बसें थीं। ये बसें प्रदेशभर में 3719 रूटों पर चल रही हैं। ऐसे में अब 167 बसों की आर.सी. रद्द होने से एच.आर.टी.सी. के बेड़े में 2967 रह गई हैं। प्रदेश में एच.आर.टी.सी. ही नहीं बल्कि लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग सहित अन्य विभागों की पुरानी गाडिय़ों की आर.सी. रद्द हुई है। परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना कि जिन डीजल गाडिय़ों की अवधि पूरी हो चुकी है उन डीजल वाहनों की आर.सी. रिन्यू नहीं होगी। वे वाहन चलने योग्य नहीं होंगे। ऐसे में उन वाहनों को सड़कों से हटाया जाएगा। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पूरे प्रदेश में करीब 6 से 7 हजार के करीब सरकारी वाहन हैं। सरकार प्रदेश के सरकारी कार्यालयों में इलैक्ट्रिक गाडिय़ां ही चलाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए सरकार ने परिवहन विभाग से शुरूआत की है जिसमें 19 इलैक्ट्रिक गाडिय़ां विभाग के अधिकारियों के पास हैं। वहीं सरकार अन्य विभागों की गाडिय़ां भी इलैक्ट्रिक वाहनों में बदलेगी। वहीं शिमला व धर्मशाला में इलैक्ट्रिक बसों की संख्या बड़ रही है। आने वाले दिनों में इन दोनों शहरों में एक एक डिपो इलैक्ट्रिक बसों का होगा।