शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बृहस्पतिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए तत्काल 2,000 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया। सुक्खू ने नयी दिल्ली में शाह से मुलाकात कर जारी मानसून सीजन में मूसलाधार बारिश, बादल फटने और अचानक बाढ़ आने से राज्य को हुए भारी नुकसान की जानकारी दी। यहां जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई है।
मुख्यमंत्री ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात करके राज्य में विकास परियोजनाओं के बारे में चर्चा की। उन्होंने राज्य में बाढ़ से हुए नुकसान के आकलन के लिए केंद्रीय समिति भेजने को लेकर गृह मंत्री का आभार व्यक्त किया और उसने केंद्रीय समिति की सिफारिशों के आधार पर जल्द से जल्द आपदा कोष जारी करने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने शाह को यह भी बताया कि क्षतिग्रस्त संरचना के पुननिर्माण में करीब एक या दो साल लग जाएंगे।
सुक्खू ने गृह मंत्री को बताया कि अब तक मिली राहत सहायता कम है क्योंकि पहाड़ी राज्य को इस मानसून में लगभग 8,000 करोड़ रुपये का अनुमानित नुकसान हुआ है। सुक्खू ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के लिए प्राप्त आपदा राहत निधि प्रभावित लोगों को वितरित करने के लिए संबंधित विभागों और उपायुक्तों को जारी कर दी गई है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय और राज्य आपदा राहत कोष के तहत 2019 से 2021 तक लंबित कुल 315 करोड़ रुपये जल्द ही जारी किए जाएंगे। बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री की बात सुनने के बाद शाह ने उन्हें हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। बाद में सुक्खू ने वित्त मंत्री से मुलाकात की और 830 करोड़ रुपये की विशेष केंद्रीय सहायता के लिए उनका आभार जताया।
उन्होंने सीतारमण से अतिरिक्त सहायता का अनुरोध किया ताकि राज्य में संपत्ति निर्माण और बहाली की गति को तेज किया जा सके। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार 24 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से बुधवार तक बाढ़, बादल फटने, भूस्खलन और सड़क दुर्घटनाओं जैसी बारिश से संबंधित घटनाओं में हिमाचल प्रदेश में 197 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 31 लोग लापता हैं। रक्षा मंत्री के साथ अपनी बैठक के दौरान, मुख्यमंत्री ने उनसे स्पीति घाटी के रंगरिक में एक हवाई पट्टी का निर्माण करने का आग्रह किया। उन्होंने इसके सामरिक महत्व को इंगित किया क्योंकि प्रस्तावित स्थान तिब्बत से लगी देश की अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।