हाईकोर्ट ने दिए आदेश, शानन पावर प्रोजैक्ट के स्वामित्व पर फैसला ले केंद्र सरकार
शिमला। प्रदेश हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को शानन पावर प्रोजैक्ट के स्वामित्व पर फैसला लेने के आदेश दिए हैं। अदालत ने इसके लिए केंद्र सरकार के ऊर्जा मंत्रालय को 2 माह का समय दिया है। न्यायाधीश संदीप शर्मा ने केंद्र सरकार से आशा जताई है कि 2 राज्यों के लंबे झगड़े को शीघ्र सुलझाया जाएगा। कोर्ट ने ऊर्जा मंत्रालय को आदेश दिए हैं कि वह फैसला लेने से पहले सभी पक्षकारों को सुनवाई का मौका दे। याचिका में बताया गया था कि उक्त परियोजना प्रदेश के जिला मंडी में मौजूद है, जो हिमाचल प्रदेश के क्षेत्र में आती है। लेकिन 15 अगस्त 1947 से 9 अप्रैल 1965 तक पंजाब ने बिना किसी औचित्य के उपर्युक्त परियोजना पर कब्जा कर लिया, जबकि उक्त परियोजना हिमाचल प्रदेश और यहां की आम जनता की है। यह हिमाचल प्रदेश के क्षेत्र में है और इसे हिमाचल के पानी से चलाया जा रहा है।
प्रार्थी ने आरोप लगाया था कि वर्ष 1965 और 1975 में हुए समझौतों के तहत हिमाचल सरकार और इसकी जनता के हितों पर ध्यान नहीं दिया गया। याचिकाकत्र्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि हिमाचल एक छोटा राज्य है, जिसके पास सीमित आय के स्रोत हैं और उक्त परियोजना की आय प्रति वर्ष 100 करोड़ से अधिक है। यदि उक्त परियोजना हिमाचल सरकार को सौंप दी जाती है तो प्रदेश की आम जनता के साथ-साथ राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। याचिकाकत्र्ता ने प्रतिवादियों को मंडी शहर की आम जनता को मुफ्त बिजली प्रदान करने और उक्त परियोजना की पूरी आय का भुगतान प्रदेश सरकार को करने के लिए निर्देशित करने की मांग की थी।