मनाली में करीब तीन बजे सोलंग नाला की पहाड़ियों में बादल फटने से ब्यास नदी में आई बाढ़
पर्यटन नगरी मनाली तथा आसपास के क्षेत्रों में सोमवार को सुबह करीब तीन बजे सोलंग नाला की पहाड़ियों में बादल फटने से ब्यास नदी में बाढ़ आ गई.
पर्यटन नगरी मनाली तथा आसपास के क्षेत्रों में सोमवार को सुबह करीब तीन बजे सोलंग नाला की पहाड़ियों में बादल फटने से ब्यास नदी में बाढ़ आ गई. बाढ़ आने से ब्यास नदी में के सहायक नाले अंजनी महादेव, सेरी नाला, ब्यास, धुंधी सहित सभी नालों में पानी उफान मारने लगा. बाढ़ आने से बाहंग से गोशाल गांव सहित सोलन गांव के लिए बनी अस्थाई पुलिया भी इसकी चपेट में आ गई और बह गई. इसके साथ ही चढ़ियारी के समीप नदी किनारे बनाया एक रेस्तरां में भी इसकी चपेट में आ गया है.
बादल फटने की घटना के बाद लोगों में दहशत दिखी है, लेकिन फिलहाल सोमवार को फटे बादल से आई इस बाढ़ से कोई जनहानि या बड़ा नुकसान नहीं हुआ है. पानी के तेज बहाव के कारण मनाली के कुछ पर्वतीय गांवों में पुलिया बह जाने से ग्रामीणों की दिक्कत बढ़ गई है. वहीं मनाली एसडीएम ने अपने सभी प्रशासनिक अधिकारियों संग घाटी में हुए नुकसान का जायजा लिया है.
प्रशासन ने शुरु कराया अस्थाई पुलिया का निर्माण
इस दौरान एसडीएम मनाली डा. सुरेन्द्र ठाकुर ने बताया कि सोमवार सुबह के समय बादल फटने से आई बाढ़ से दो पुलिया बह गई हैं. उन्होंने बताया कि गोशाल में गौ महायज्ञ हो रहा है. जिसमें घाटी के दर्जनों देवी देवता व हजारों की संख्या में कारकून व देवलू यज्ञ में भाग लेंगे. ग्रामीणों की सुविधा के लिए अस्थाई पुलिया का निर्माण कार्य शुरु कर दिया है. उन्होंने कहा कि बाढ़ से कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन सम्पत्ति को काफी नुकसान हुआ है. उन्होंने घाटी के लोगों से आग्रह किया है कि बरसात के दिनों में कोई भी व्यक्ति नदी नालों के समीप ने जाए.
गोशाल गांव का रास्ता कटा
स्थानीय निवासी राकेश ने बताया कि सुबह के समय अचानक घाटी में जोरदार बारिश आरम्भ हो गई और एकाएक ब्यास नदी में बाढ़ आ गई है. उन्होंने कहा कि बाढ़ आने से उनके गांव को जोड़ने वाली एक पुलिया जो ब्यास नदी पर बनी थी वह बह गई है और इसके साथ ही फिशना फॉट से गोशाल गांव को जोड़ने वाला लिंक रोड़ भी क्षतिग्रस्त हुआ है.