बद्दी में 2 उद्योगों में बनाई जा रही थीं दिल की बीमारियों की नकली दवाएं
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सोलन। देश के फार्मा हब बीबीएन के बद्दी में 2 उद्योगों में दिल की बीमारियों की नामी कंपनियों के नाम पर नकली दवाएं बनाई जा रही थीं। ड्रग विभाग द्वारा पिछले 2 महीने में नकली दवाओं के पर्दाफाश किए 3 मामलों में बरामद की गई दवाओं की बड़ी खेप से इसका खुलासा हुआ है। बद्दी में 22 नवम्बर को नकली दवाओं के आए मामले में करीब एक करोड़ रुपए की बरामद हुई दवाओं में दिल की बीमारी की रोझडे-10 की बड़ी खेप बरामद हुई थी। नामी कंपनी के नाम पर इस दवा को बनाया गया था। ड्रग विभाग की टीम ने पुलिस के साथ मिलकर सिक्का होटल बद्दी के पास गोदाम और हनुमान चौक के पास फैक्टरी में रेड कर सिपला की मोन्टेयर-10 ( गले का इंफैक्शन), इपका की जेरोडोल टीएच 4 (पेन किलर) व यूएसवी प्राइवेट लिमिटेड की रोझडे-10 (हार्ट की दवा) इत्यादि की खेप बरामद की थी।
इसके बाद ड्रग विभाग को इस मामले में मुख्य आरोपी की निशानदेही पर नकली दवा बनाने वाली कंपनी का एक और गोदाम मिला। वहां छापेमारी में अनपैकड लूज टैबलेट टेलमिसार्टन 13.14 किलो बरामद हुई। इस दवा का इस्तेमाल बीपी के लिए होता है जो दिल से बीमारी से संबंधित है। इसके अलावा 17.9 किलो कैल्शियम कार्बोनेट की भी बरामदगी हुई। यही नहीं बीपी में इस्तेमाल होने वाली एमलोडिपाइन व टेलमिसार्टन की बिलयर्ड टैबलेट के अलावा टेलिमिसार्टन का 5.86 किलो मिश्रित पाऊडर भी बरामद किया। इससे स्पष्ट है कि यह नकली दवा माफिया ज्यादातर दिल की बीमारियों से संबंधित दवाओं का ज्यादा निर्माण कर रहा था क्योंकि देश में इन दवाओं की डिमांड बहुत अधिक है। राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मरवाह ने बताया कि 22 नवम्बर को पकड़े गए नकली दवाओं के मामले में जांच चली हुई है। ड्रग विभाग ने 2 गोदामों से भारी मात्रा में नकली दवाओं की बरामदगी की है। ट्रांसपोर्ट एजैंसी के माध्यम से आगरा भेजी गई दवाओं को वापस बद्दी लाने में कामयाबी मिली है। इस मामले में 4 आरोपियों को पकड़ा गया है।